दैनिक भास्कर ब्यूरो ,
फ़तेहपुर । मां गंगा के तट पर स्थित फिरोजपुर गांव में कृषि योग्य भूमि में बालू खनन के पट्टे को निरस्त करने की प्रदेश सरकार से मांग करने के लिए शुक्रवार को बुंदेलखंड राष्ट्र व सड़क बचाओ सँघर्ष समिति के प्रांतीय अध्यक्ष प्रवीण पाण्डेय के नेतृत्व में गांव के किसानों के एक प्रतिनिधि मंडल ने फिरोजपुर कटरी पट्टा रद्द करो के नारे व बैनर के साथ फ़तेहपुर से लखनऊ मुख्यमंत्री कार्यालय तक की पद यात्रा का आगाज किया है।
ज्ञात हो जिले में गंगा तट पर स्थित फिरोजपुर गांव में शासन द्वारा कृषि योग्य भूमि पर मोरंग खनन का पट्टा किया गया है। जिससे खेती न कर पाने की वजह से गांव का किसान भुखमरी व गरीबी का दंश झेल रहा है। गांव के किसान विगत लगभग छः माह से मोरंग खनन पट्टे के निरस्तीकरण की मांग शासन व प्रशासन स्तर से लिखित व मौखिक रूप से कर चुके हैं। जिन्होंने जनप्रतिनिधियों तक से अपनी विपदा सुनाई लेकिन किसी भी जिम्मेदार प्रशासनिक अथवा विभागीय अधिकारी या जनप्रतिनिधि का दिल नहीं पसीजा नतीजतन उनकी समस्या का कोई स्थायी हल नहीं निकला।
जिससे परेशान गांव के किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने गांव से फिरोजपुर कटरी पट्टा निरस्त करो स्लोगन लिखित बैनर व पट्टियों के साथ लखनऊ तक की पद यात्रा शुरू की। प्रवीण पाण्डेय ने कहा कि पिछली सरकार के समय गंगा तट पर बसे फिरोजपुर गांव में शासन द्वारा कृषि योग्य भूमि पर खनन पट्टा आवंटन की प्रक्रिया की गई थी जो कि सतत रूप से चली आ रही है। जिसके कारण गांव की कृषि योग्य भूमि में किसान खेती नहीं कर पा रहे हैं।
जिससे किसान पूरी तरह भुखमरी और गरीबी का दंश झेल रहा है। गांव के किसानों ने कई बार शासन व प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों समेत जनप्रतिनिधियों से भी उक्त खनिज पट्टे को निरस्त करवा खेती करने की अनुमति देने की मांग भी की लेकिन किसी ने भी किसानों की विकराल समस्या की सुध नहीं ली।
उन्होंने कहा कि उक्त खनन पट्टे से शासन को प्रति वर्ष मात्र 35 लाख रुपये का ही राजस्व प्राप्त होता है जबकि यदि खनन पट्टे को निरस्त कर गांव के गरीब किसानों को उक्त पट्टे की भूमि में खेती करने की अनुमति दे दी जाए तो वह इससे कई गुना कीमत की फसलें उगाकर अपनी भुखमरी को दूर कर माली स्थित की दशा को सुधार कर खुशहाल हो सकते हैं। यही नहीं बल्कि उक्त खनन पट्टे के कारण फ़तेहपुर जिले से पड़ोसी जिले रायबरेली से जोड़ने के लिए शासन द्वारा गंगा नदी में करोड़ो की लागत से बनाया गया डलमऊ पुल भी
क्षतिग्रस्त हो सकता है जिसमे किसी भी समय कोई बड़ा हादसा हो सकता है। यही नहीं बल्कि विभागीय अधिकारियों द्वारा मनमानी पूर्वक देवरानार ग्राम सभा मे आवंटित किए गये पट्टे पर तय मानक से कई गुना अधिक क्षेत्रफल में अवैध खनन कराया गया है। जिससे गांव के किसानों की हजारों हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि गंगा नदी में समाहित हो चुकी है। किसान पूरी तरह भूमिहीन हो भुखमरी व लाचारी के कगार पर पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि हम लोग लखनऊ मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश शासन योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर दोनों गाँवो के खनिज पट्टों को निरस्त करवा पिछली सरकार में जिन अधिकारियों ने खनन का प्रस्ताव तैयार किया था उनके खिलाफ कार्यवाही की मांग भी करेंगे।
पद यात्रा जत्थे में किसान मोर्चा के पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष (भाजपा) सन्तोष सिंह, राजू, बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के अध्यक्ष प्रवीण पाण्डेय, नीरज निषाद, प्रेम शंकर मिश्रा, राकेश निषाद, सिंह बहादुर, सत्यम सिंह, सुरेश निषाद, दिलीप सिंह, आदित्य सिंह, सुमित सिंह, रामखेलावन समेत सैकड़ो ग्रामीण किसान शामिल रहे।
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