
दैनिक भास्कर ब्यूरो
बकेवर, फतेहपुर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी अमृत सरोवर योजना धरातल पर उतरने से पहले ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ने लगी है। अमृत सरोवरों में कच्चे काम के नाम पर लाखों का बंदरबांट सामने आया है। जिले के देवमई विकासखंड के देवमई ग्राम पंचायत में अमृत सरोवर योजना से करनपुर के झुरहा तालाब में अनुमानित लागत लगभग 4 लाख रुपये से काम कराने का स्टीमेट बनाया गया था और देवमई में बना गहरी गोइया तालाब में लगभग 4.56 लाख रुपये से काम करवाने का स्टीमेट बना था।
अमृत सरोवरों में हुए भ्रष्टाचार की जांच की मांग
देवमई के ग्रामीणों का आरोप है कि इस तालाब को रातों रात जेसीबी द्वारा खुदवाया गया और मिट्टी खनन करके मिट्टी भी बेच दी गई। सौंदर्यीकरण के नाम पर कुछ ख़ास नहीं हुआ। हजारों का काम करवाकर लाखों रुपये निकाल लिए गए। योजना धरातल पर उतरने से पहले ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है।
आरोप है कि ब्लाक के मनरेगा पीओ और सहायक अभियंता की मिलीभगत से सचिव ने मिलकर योजना का गलत प्राक्कलन कर सरकारी राशि की अवैध निकासी की है। लोगों का कहना है कि अमृत सरोवर योजना के तहत चयनित पोखरो की अगर स्थलीय जांच हो जाए तो इनकी कारगुजारियो का खुलासा हो सकता है। लेकिन बीडीओ सुषमा देवी भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर गंभीर नहीं हैं। जिसकी वजह से सचिवो और प्रधानों के हौसले बुलंद हैं।