
दैनिक भास्कर ब्यूरो
फतेहपुर । 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जगह जगह मनाया गया। इस दिन के आते ही वन विभाग को भी पर्यावरण संरक्षण की याद आई है। इस बार जिले में 4851200 पौधे रोपे जाएंगे। अकेले वन विभाग 1049200 पौधे लगाने का दावा कर रहा है। बांकी 3802000 जिला प्रशासन अन्य विभागों को पौधे लगाने के लिए वितरित करेगा। इनमे शीशम, सागवान, अमरुद, बेल, जामुन, अर्जुन, कंजी, गुलमोहर, पोंगामिया, पीपल, बरगद सहित कुल 37 प्रकार के पौधे शामिल हैं।
सैकड़ो पेड़ कट गए, हजारों की जिंदगी खतरे में !
बता दें कि बीते वर्ष 2022 में भी क़रीब 50 लाख पौधे जिले में लगाने का दावा किया गया था मगर उनमे से बमुश्किल 20 हजार पौधे भी वन विभाग संरक्षित नहीं कर पाया ! बताते तो यह भी हैं कि हसनापुर में हुए पौधरोपण में मुख्यमंत्री के वृक्ष को छोड़कर अधिकतर पौधे बिना देखभाल के बर्बाद हो गए और उसी स्थान पर 2018 से लगभग प्रत्येक वर्ष पौधरोपण हो रहा है ! यही स्थिति पिछले वर्ष भी थी पौधे रोपने के बाद से उन्हें दूसरे दिन से ही देखने कोई नहीं गया।
बीते वर्ष के 50 लाख पौधों में से बचे बीस हजार.!
जो पौधे स्वतः चल गए वही जीवित हैं। अन्यथा विभाग की अकर्मण्यता और लापरवाही की वजह से पौधों का संरक्षण तो दूर की बात बड़े बड़े बाग भी कटने से नही बच रहे। जिसका जीता जागता उदाहरण वीआईपी रोड व जेल रोड के मध्य स्थित शहर का सबसे बड़ा बाग है। वन विभाग से महज कुछ सौ मीटर की दूरी पर स्थित बाग में प्रत्येक दिन दर्जनों पेड़ काटकर ठिकाने लगा दिया जाता है जिले के कथित नेताओ की संरक्षण में शहर के पर्यावरण को नष्ट करके एक नया शहर बसाने की तैयारी चल रही है।
उन्हीं स्थानों पर प्रत्येक वर्ष होता है पौधरोपण
जेल चौराहे पर तो बाकायदे कई प्लाट बिक्री भी हो चुके हैं। बताते तो यह भी हैं कि करोड़ों की स्टैम्प चोरी के लिए इसे खेत दिखाकर बैनामा कराया गया है ! मतलब शहर का सबसे बड़ा बाग जिसमे कई हजार पेड़ हैं जिसको संरक्षित करने में पीढ़ियां लगी होंगी उसे रुपयों की लालच में नष्ट किया जा रहा है। वन विभाग तो छोड़िए शहर के प्रत्येक अधिकारी का डाक बंगले आना जाना वहीं से होता है मगर उन्हें यह नज़र नही आता। अगर गांव में कोई किसान खेत खराब होने पर एक पेड काट दे तो वसूली के लिए वन विभाग के दरोगा, क्षेत्रीय पुलिस तुरन्त पहुंच जाती है। मगर जहां शहर की आबोहवा को नष्ट करने का मामला हो वहां इतना बड़ा भ्रष्टाचार किसी को नज़र नहीं आ रहा।











