
दैनिक भास्कर ब्यूरो
फतेहपुर । बकेवर विद्युत व्यवस्था को बेहतर करने के लिए पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम हर साल करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, फिर भी कस्बो, गांवों में झूलते नंगे तार और खुले ट्रांसफार्मरों की भरमार है। इन्हीं ट्रांसफार्मर व नंगे तारों के नीचे व आसपास दुकानें लग रही हैं। यह स्थिति बारिश में गंभीर खतरा पैदा कर सकती है। बकेवर थाना से महज 20 मीटर की दूरी पर खड़े ग्यारह हजार बिजली के खम्भो में नंगे तार गुजर रहे हैं। बिना किसी सेफ्टी गार्ड के ही लोगो के जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में कभी भी कोई बड़ी अनहोनी हो सकती है। बिजली विभाग की लापरवाही के चलते हाइवे से गुजर रहे ग्यारह हजार के नंगे तारो के नीचे से रोजाना हजारों वाहनों व राहगीरो को निकलना पड़ता है। कस्बा तारों के जाल से जूझ रहा है।

ग्यारह हजार वोल्ट के तारो में नही लगे सेफ्टी गार्ड, जोखिम में राहगीरों की जान
गंभीर बात यह है कि जगह-जगह बिजली के ट्रांसफार्मर खुले हुए लगे हैं। इन्हीं के नीचे व आसपास दुकानें लग रही हैं। इन दुकानों में रोज हजारों लोगों का आना-जाना है। थाने में फरियादियों का आना जाना लगा रहता है। बारिश में करंट दौड़ गया तो बड़ी जनहानि से इंकार नहीं किया जा सकता। इसी तरह चौडगरा घाटमपुर हाइवे के नीचे से दर्जनों खम्भो में लगे नंगे तारो के बीच रोजाना हजारों लोगों का आना जाना रहता है लेकिन बिजली विभाग की उदासीनता के चलते लोगो की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। हाइवे के आस पास खड़े खम्भो में किसी भी प्रकार का सुरक्षा निर्देश तक नही लिखा है और न ही खम्भो में कांटेदार तार लगाए गए हैं जिससे लोग खम्भो से सटकर खड़े न हो।
ग्रामीणों का कहना है कि बिजली विभाग के कर्मचारी आम आदमी का कनेक्शन काटने में व्यस्त है, लोगो के जीवन की सुरक्षा से उन्हें कोई मतलब नही है। पूर्व में जहानाबाद से निकल रही एक बस में बिजली का नंगा तार गिर की वजह से बस में आग लग गई थी जिसमे कई लोगों की जान चली गई थी। लोगो ने बताया कि न ही ढीले तारो को अभी तक नही सही करवाया गया है और न ही जर्जर तारो को बदलवाया गया है वहीं बिजली की कटौती में भी कोई सुधार नहीं किया जा रहा है। लगभग 12 से 14 घण्टे की कटौती की जा रही है।