
दैनिक भास्कर ब्यूरो
अमौली/फतेहपुर । अमौली विकास खण्ड की ग्राम सभा आजमपुर गढ़वा में टीएसी प्रयागराज की जाँच टीम ने विकास कार्य नाली निर्माण, मिटटी पुराई, सीसी रोड, स्ट्रीट लाइट, खडंजा निर्माण कार्यो में 31 लाख 45 हजार 3 सौ 13 रूपये का बड़ा घोटाला करने में पूर्व प्रधान समेत दो तत्कालीन सचिवो को दोषी ठहराया है। इस मामले को डीएम श्रुति ने संज्ञान में लेते हुए कार्यवाही के आदेश भी दिए है। बता दें कि तीन वर्ष पहले आजमपुर गढ़वा निवासी रामखेलावन ने ग्राम प्रधान रामबाबू एवं सचिव रमेश चंद्र गिहार एवं कौशल किशोर के ऊपर विकास कार्यो के लिए दी गई धनराशि में भ्रष्टाचार को लेकर शासन से शिकायत की थी।
पूर्व प्रधान सहित दो सचिवो से होगी 31 लाख 45 हजार की रिकवरी
इसके बाद शासन ने पाँच सदस्यीय टीएसी टीम का गठन किया। जाँच टीम में उपनिदेशक पंचायत प्रयागराज, अधिशासी अभियंता आरईडी प्रयागराज, अभियंता जिला पंचायत प्रयागराज, अवर अभियंता जिला पंचायत प्रयागराज, अवर अभियंता आरईडी प्रयागराज को शामिल कर इस बड़े घोटाले की जाँच करने के निर्देश दिए। जिस पर जाँच के बाद विकास कार्यो में बड़े घोटाले का खुलासा हुआ। जिसमे ग्राम प्रधान रामबाबू को 1572656 लाख रूपये, तत्कालीन सचिव रमेश चंद्र गिहार को 266101 लाख रूपये तथा सचिव कौशल किशोर को 1306555 लाख रूपये की धनराशि के गबन में दोषी पाया गया। तीनो दोषियों से 15 दिन के अंदर धनराशि की रिकवरी करने के आदेश जिला अधिकारी श्रुति सिंह ने आदेश दिए हैं।
सचिव रमेश चंद्र गिहार बहुआ विकास खण्ड की ग्राम पंचायत रामपुर बरवट में शौचालय के घोटाले के मामले पहले से ही जेल में बंद है। इतना बड़ा खुलासा होने के बाद सवाल यह उठता है कि ग्राम पंचायतो के विकास कार्यो के लिए दी जाने वाली करोड़ो की धनराशि में जिम्मेदार कितने संवेदनशील हैं जो कमीशन के खेल में धन का बंदर बाट कर चुप्पी साधे रहते है। यह बड़ा घोटाला यह बताने के लिए पर्याप्त है कि ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधान और सचिवो के बीच विकास कार्यो को लेकर भ्रष्टाचार किस तरह फलफूल रहा है।










