दैनिक भास्कर ब्यूरो
फतेहपुर । आवासीय पट्टा को लेकर रमसोलेपुर मौजा रामनगर कौहन के ग्रामीणों ने गुरुवार को जिलाधिकारी के कार्यालय में पहुंचकर अपना दर्द बयान किया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि खंड विकास अधिकारी, पंचायत सचिव वीरेंद्र निषाद, रोजगार सेवक हेमराज पाल ने मिलकर गरीबों का हक ब्यक्तिगत लाभ प्राप्त कर अपात्रों को दे दिया है।
बता दें कि उपरोक्त गांव में पहले आवास सूची में 149 नामो से संशोधन करके 102 नाम रखे गए जिसमें से अधिकांश अपात्रों के भर दिए गए और पात्रों के नाम काट दिए गए। सूची में लगभग एक दर्जन से अधिक ऐसे नाम है जो अति निर्धन हैं फिर भी उनको आवास नहीं मिल पाया है जबकि लगभग एक दर्जन अपात्रों को आवास का लाभ दिया गया है। रमसोलेपुर यमुना नदी की बाढ़ से प्रभावित गांव है हर साल गांव यमुना नदी की बाढ़ में डूब जाता है लेकिन इस गांव के अति निर्धन लोगो को एक भी पट्टा नहीं दिया गया है जबकि सड़क किनारे लगभग आधा सैकड़ा लोगों को जमीन मे कब्जा करवा दिया गया है।
आरोप है कि लेखपाल भ्रष्ट ब्यबस्था में लिप्त है जिसको ग्रामीणों ने गांव से तत्काल हटाने की मांग की है। लोगो का कहना है कि अगर कार्रवाई नहीं की जाती है तो वह अनशन के लिए बाध्य होंगे। इस मौके पर छत्रपाल निषाद, छोटू निषाद, सुमित्रा देवी, चुन्नी सहित एक दर्जन से अधिक ग्रामीण मौजूद रहे।