
दैनिक भास्कर ब्यूरो
अमौली/फतेहपुर । सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले गरीब परिवारों के लिए जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों को अंत्योदय कार्ड की उपलब्धता सुनिश्चित कराये जाने के लिए निर्देशित किया था ताकि उन्हें दो वक्त की रोटी के लिए निः शुल्क राशन उपलब्ध कराया जा सके। जिसके लिए सरकार ने एक कार्ड पर 20 किलो गेंहू और 15 किलो चावल सरकारी गल्ला दुकान से निः शुल्क प्रति माह दिलाए जाने का प्रावधान किया। जिसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी भी विभागीय अधिकारियों को सौंपी। लेकिन सरकार की नीतियों में उनके ही भ्रष्ट अधिकारी पलीता लगाने से नहीं चूकते।
जो की अतिरिक्त लाभ के चक्कर मे आकर पात्र लोगो के राशन कार्ड काटकर अपात्र लोगो के राशन कार्ड बनाने में तनिक भी गुरेज नहीं करते। ऐसा ही एक मामला अमौली विकास खण्ड के अमौली ग्राम पंचायत का सामने आया है जहाँ तैनात पूर्ति निरीक्षक ने न सिर्फ सारे नियम कायदों को बलाए ताक में रखकर कई गरीब पात्रों के राशन कार्ड गलत तरीके से निरस्त कर दिया। बल्कि ग्राम प्रधान से अतिरिक्त लाभ लेकर नियम विरुद्ध ग्राम प्रधान के नाम ही अंत्योदय राशन कार्ड निर्गत कर दिया।
बकौल ग्रामीण जिससे कार्ड धारक ग्राम प्रधान ने कई माह तक न सिर्फ मुफ्त में राशन उठाया बल्कि अंत्योदय कार्ड धारक को मिलने वाली हर छोटी बड़ी सरकारी योजनाओं का लाभ भी उठाया। जिसका सिलसिला आज भी जारी है। हालांकि इस सम्बंध में जब कोटेदार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी कई साल पहले सम्बंधित अधिकारी को दी थी।
जिस पर उन्होंने राशन देने से तो मना कर दिया था लेकिन राशन कार्ड को निरस्त नहीं किया था। अब एक वर्ष बाद प्रधान द्वारा दोबारा अंत्योदय कार्ड के सहारे निः शुल्क राशन देने का दबाव बनाया जा रहा है। जिसकी शिकायत भी कई बार विभागीय अधिकारियों से की गई है लेकिन शिकायत को अनसुना कर दिया गया।