फतेहपुर । शहर क्षेत्र के शगुन हॉस्पिटल में हुई नवजात शिशु की मौत के बाद जिले का स्वास्थ्य महकमा नींद से जाग गया। जिसने शगुन हॉस्पिटल पर कार्रवाई के बाद अभियान चला जिले में अवैध रूप से संचालित किए जा रहे फर्जी अस्पतालों के खिलाफ अभियान का आगाज भी शुरू कर दिया।
मंगलवार को जिला स्वास्थ्य महकमे की टीम ने चेकिंग के दौरान अनियमितता पाए जाने पर शहर क्षेत्र के जीटी रोड में लम्बे अर्से से स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदारों की मेहरबानी से अवैध रूप से मानक विहीन ढंग से सन्चालित किये जा रहे शांति मिशन अस्पताल के दस्तावेजों व अस्पताल परिसर के अंदर व बाहर मानकों की जांच की जिसमें भारी अनियमितताओं के साथ, अस्पताल के साइन बोर्ड में अंकित किये गए कई डिग्री धारी डॉक्टरों में एक भी डॉक्टर मौजूद नहीं मिले। जहां अस्पताल संचालक के गुर्गों झोलाछाप डॉक्टर व अप्रशिक्षित महिला व पुरुष स्टॉफ द्वारा ही भर्ती किये गए मरीजों का इलाज भी किया जा रहा था। टीम ने अस्पताल को तत्काल प्रभाव से सीज कर दिया। कार्यवाही से पूर्व टीम ने अस्पताल में इलाज करवा रहे सभी मरीजों को जिला अस्पताल में भर्ती करवा दिया था।
हालांकि अस्पताल संचालक टीम की छापेमारी की पूर्व सूचना मिलने की वजह से टीम के पहुंचने के पहले ही मौके से फरार हो गया। अस्पताल के खिलाफ की गई सीजिंग कार्यवाही से अस्पताल कर्मियों समेत जिले में अन्य अवैध रूप से संचालित किए जा रहे अस्पताल संचालकों में हड़कम्प मचा रहा। अधिकांश अस्पताल संचालक टीम की कार्यवाही से बचने के लिए अस्पताल में ताले डाल फरार हो गये। हालांकि ऐसी कार्रवाई ऊंट के मुंह में जीरा जैसी है। जिले तो दूर महज शहर क्षेत्र में लगभग आधा सैकड़ा फर्जी व मानक विहीन अस्पताल संचालित हो रहे हैं जो विभागीय कृपा से फल फूल रहे हैं। जहां बिना किसी की मौत हुए स्वास्थ्य विभाग जागता नहीं है। ऐसी मौत की दुकानों को संचालित करवाने में विभाग की ही भूमिका रहती है !