दैनिक भास्कर ब्यूरो ,
फतेहपुर । स्वास्थ्य कर्मियों के लापरवाही के किस्से तो आपने खूब सुने होंगे मगर इस बार उनके दर्द को सुनकर आपकी आंख भर आएगी। फतेहपुर के जिला चिकित्सालय में तैनात आधा सैकड़ा से अधिक ऐसी स्टॉफ नर्स, वार्ड ब्वाय और स्वीपर हैं जिन्हें पांच महीने से वेतन नहीं मिला है। वेतन न मिलने से कई कर्मियों के घर मे शाम को पूरा भोजन तक नसीब नहीं हो पाता। दाने दाने को मोहताज इन स्वास्थ्य कर्मियों की व्यथा सुनने वाला कोई नहीं है।
आपको बता दें कि जिला अस्पताल में बड़ी संख्या में स्टॉफ नर्स, वार्ड ब्वॉय और स्वीपर ऐसे हैं जिनकी नियुक्ति संविदा में हुई थी। इनको प्रिंसिपल सिक्योरिटी द्वारा वेतन उपलब्ध कराया जाता है। बताते हैं इन स्वास्थ्य कर्मियों को बीते पांच माह से वेतन नहीं मिला है। इनमे कई ऐसे कर्मी हैं जिनके घर मे आटा और दाल तक नहीं है मगर इनके दुःख को देखने, सुनने वाला कोई नहीं है। सोमवार को एक तीमारदार से बीस रुपये लेते हुए पकड़ लेने पर स्वीपर ने अपना दुःख बयां किया। उसने कहा आपकी शिकायत पर मुझ पर कार्रवाई हो जाएगी लेकिन मेरी मजबूरी है मेरे छोटे छोटे बच्चे हैं महीनों से हमने पूरा भोजन नहीं किया।
कभी सब्जी चावल खा लेते हैं तो कभी नमक से रोटी। उसने बताया कि बेटे की भूख मुझसे देखी नहीं जाती इसलिए दस बीस रुपये तीमारदारों से लेकर बच्चों के पेट भर लेता हूँ। पूछने पर उसने बताया कि मेरा नाम मत छापियेगा मगर ऐसे आधा सैकड़ा से अधिक लोग हैं जिनको पांच महीने से वेतन नहीं मिला है। जब गहराई से मामले की पड़ताल की तो वाकई चौंकाने वाली बात सामने आई।
सिर्फ जिला चिकित्सालय में तैनात स्टाफ नर्स महिमा शर्मा, रश्मि पटेल, नैंसी शुक्ला, केशमाती पाल, पुष्पा देवी, रसिका कुमारी, मानसी सिंह, वार्ड बॉय इंद्रजीत, संदीप कुमार, बबलू कुमार, रविंद्र कुमार, धर्मेंद्र, रमेश चंद्र, विशाल कुमार, राहुल, प्रशांत पाल, छोटेलाल, विजयपाल, हिमांशु, देवेंद्र यादव, मुकेश कुमार, शिवराम, उदित शुक्ला, भूपेंद्र कुमार, अजय कुमार, व स्वीपर विजयशंकर, श्रवण कुमार, राजेश कुमार, आकाश कुमार, मुकेश कुमार, पवन कुमार, राकेश कुमार, सूरज, अनीता, रानी प्रथम, रानी द्वितीय को लगभग पांच महीने से फूटी कौड़ी तक नहीं मिली।
स्वीपर ने बताया कि प्रिंसिपल सिक्योरिटी द्वारा जब वेतन भी दिया जाता है तो उसमें भारी कटौती की जाती है। सरकार से मिलने वाली धनराशि पहले कम्पनी को जाती है फिर वह बीच मे दो तीन हजार प्रति महीने काट लेते हैं। ऐसे में हम लोगों का लाखों रुपया अवैध तरीके से काट लिया जाता है। उसने बताया कि शिकायत नहीं कर सकते नहीं तो संविदा में हैं नौकरी से निकाल दिए जाएंगे।
मामले को लेकर प्रिंसिपल सिक्योरिटी के इंचार्ज दीपक से बात हुई तो उन्होंने बताया कि पांच महीने से वेतन नहीं दिया गया। सरकार से बजट नहीं मिला था। पूछने पर कि वेतन से अवैध कटौती क्यों की जाती है पर कहा कि कम ड्यूटी किसी ने की होंगी वही आरोप लगा रहा होगा।
Dainikbhaskarup.com अब WhatsApp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरें
https://whatsapp.com/channel/0029Va6qmccKmCPR4tbuw90X