भास्कर ब्यूरो
खागा/फतेहपुर । होली के दिन किशनपुर में रंग खेलने के दौरान दो गाँव के लोगों के बीच हुए खूनी संघर्ष में लापरवाही बरतने के आरोप में थाने में तैनात एक उपनिरीक्षक अरविंद कुमार यादव समेत आरक्षी विनोद कुमार, बिरजू यादव, मदनलाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबित किये गये पुलिस कर्मी घटना की सूचना के बावजूद भी घटनास्थल पर घण्टों देर से पहुंचे थे।
एक उपनिरीक्षक सहित तीन सिपाही निलंबित
जिन पर घटना को लेकर लापरवाही के आरोप लगे थे। पुलिस कप्तान राजेश सिंह ने मातहतों को मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे। सीओ ने मामले की जांच कर रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह को सौंपी थी। जिस पर पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए सभी पुलिस कर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
कार्रवाई के बाद प्रतिक्रियाओं का दौर जारी
एक दरोगा सहित तीन पुलिसकर्मियों पर निलंबन की कार्यवाही होने के बाद से सोशल मीडिया पर चर्चाओं का बाजार गर्म है। कस्बे के लोगो ने पुलिस कप्तान द्वारा की गई विभागीय कार्यवाही को छोटी मछली को बड़ी मछली निगलने वाली कहावत को चरितार्थ करना करार दिया है। लोगों का मानना है बलवे के दिन थानाध्यक्ष, सीओ, एसडीएम सभी पहुंचे थे। उनके समझाने के बाद भी बलवाई नहीं माने। अगर कार्रवाई हो तो पूरा थाना निलंबित हो, अन्य अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो, सिर्फ कुछ पुलिसकर्मियों पर ही क्यों।
निलंबित पुलिसकर्मियों ने कार्रवाई को बताया द्वेषपूर्ण
निलंबित पुलिसकर्मियों ने अधिकारियों की कार्रवाई को द्वेषपूर्ण बताया है। एक कर्मी ने तो यह भी कह दिया कि जहां घटना हुई है वह मेरा क्षेत्र ही नहीं है। जहां मेरा क्षेत्र है वहां मैं ड्यूटी पर था मगर यादव देखकर कार्रवाई की गई है। दूसरे पुलिसकर्मी बृजमोहन ने बताया कि मेरी ही सूचना पर थानाध्यक्ष सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचे थे तब सिर्फ दो लोगो को रंग लगाने में किशनपुर कस्बे के लोगो ने पीटा था तब तक सामान्य घटना थी। फिर लगातार मैं सभी पुलिसकर्मियों के साथ बलवाइयों से निपटने व शांति ब्यवस्था बनाने में रहा। मेरे ऊपर कार्रवाई समझ मे नहीं आई।