दैनिक भास्कर ब्यूरो
फतेहपुर । अपर सत्र न्यायाधीश/पॉक्सो ऐक्ट ने गरुवार को हत्या के एक मामले में 32 वर्ष बाद अंतिम सुनाई करते हुए गवाहों के बयान एवं सबूतों के आधार पर दोषी करार देते हुए दस अभियुक्तो सन्तोष पुत्र शिवपाल दुबे निवासी कानेमई थाना सैनी कौशाम्बी, दिनेश पुत्र शिवपाल निवासी ग्राम चक निवानी कस्बा सोहन थाना खागा, छोटकू उर्फ चन्द्रपाल पुत्र राजाराम, लल्लू उर्फ ललकू पुत्र राजाराम, अंसार पुत्र सईद मोहम्मद, निसार पुत्र अफजल खान, इकबाल पुत्र भूरा, सत्तार पुत्र भूरा, एजाज पुत्र मीर मोहम्मद निवासीगण पाई थाना खागा व लल्लू पुत्र अब्दुल सलाम निवासी ग्राम कछपुरवा थाना खखरेरू को आजीवन कठोर कारावास समेत सभी को 30 हजार रुपये अर्थदण्ड व अर्थदण्ड न अदा करने की दशा में एक वर्ष के अतिरिक्त कठिन कारावास की सजा सुनाई है।
32 वर्ष पहले आरोपियों ने किया था सामूहिक नरसंहार
बता दें कि खागा कोतवाली क्षेत्र के पाई गांव निवासी श्याम बिहारी के पौत्र दिनेश कुमार शुक्ला की कौशांबी जिले के सैनी थाना क्षेत्र के कानमेई निवासी संतोष, राकेश और झल्लर ने करीब 90 के दशक में अपहरण कर हत्या कर दी थी। इसके बाद शव को गायब कर दिया था। मुकदमा सैनी थाना क्षेत्र में दर्ज था। संतोष समेत अन्य आरोपियों की खागा कोतवाली के कस्बा सोहन मजरे नेवानी गांव में पैतृक 80 बीघा जमीन थी। हत्या के विवाद के चलते यह लोग जमीन जोतने नहीं आते थे। जमीन जोतने और अपना दबदबा कायम करने के लिए सगे भाइयों संतोष दुबे, दिनेश दुबे, झल्लर पंडित, पाई गांव के बड़कू, छोटकू, ललकू, अंसार, निसार, मकबूल, इकबाल, सत्तार, रसीद, एजाज, लल्लू 23 जुलाई 1992 गांव पाई पहुंचे। उस वक्त गांव के भोंडा रैदास की कालोनी में वादी श्याम विहारी के पुत्र कमलाकांत, नरेंद्र कुमार, कृष्ण अवतार और भतीजा बमशंकर उर्फ विजयशंकर, पौत्र ओम प्रकाश, गांव के रमाकांत ताश खेल रहे थे।
दोपहर डेढ़ बजे संतोष पक्ष ने ताबड़तोड़ फायरिंग चालू कर दी। पूरे गांव में फायरिंग से दहशत फैल गई। वादी और उसका पुत्र शिवब्रत और नागेंद्र, अनंत स्वरूप, पीतांबर ने आरोपियों को रोकने के प्रयास में ललकारा। आरोपियों ने फायरिंग की। इसमें शिवब्रत और पीतांबर गोली लगने से घायल हो गए। वह लोग जान बचाकर मौके से भाग निकले। वे हमलावरों के जाने के बाद मौके पर लौटे। वहां बमशंकर, ओमप्रकाश, कमलाकांत, नरेंद्र, रमाकांत मौके पर मृत मिले। कृष्ण अवतार गोली लगने से घायल हुआ। कुल पांच की मौत और तीन लोग घायल हुए थे। मामले में पुलिस ने बलवा, हत्या का प्रयास व हत्या का आरोपियों पर मुकदमा दर्ज किया था।
आरोपियों के खिलाफ 17 सितंबर 1992 को चार्जशीट दाखिल की गई थी। कोर्ट ने संतोष दुबे, दिनेश, छोटकू उर्फ चंद्रपाल, ललकू, लल्लू, अंसार, निसार, इकबाल, सत्तार, एजाज को दोषी करार दिया है। तीन आरोपी बड़कू, रसीद, मकबूल की मृत्यु हो चुकी है। सहायक शासकीय अधिवक्ता देवेंद्र सिंह भदौरिया ने बताया कि आरोपियों को कोर्ट ने सजा सुनाई है। अभियुक्तो को सजा सुनाए जाते ही अदालत में मौजूद पुलिस कर्मियों ने सभी को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया। अभियुक्तो के खिलाफ जिला शासकीय अधिवक्ता देवेंद्र कुमार सिंह भदौरिया ने गवाहों के बयान सबूत व दलीलें पेश की।