दैनिक भास्कर ब्यूरो
फतेहपुर । अमौली गांवो को डिजिटल बनाने के लिए अधिकतर ग्राम पंचायतों में पंचायत भवनों का निर्माण कराया गया था जिनमें खुली बैठकों का आयोजन किया जाता है। साथ ही सभी प्रकार के ग्राम निधि के दस्तावेजों और कंप्यूटर आदि को सुरक्षित रखा जाता है। पंचायत भवन के रख रखाव की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव के पास रहती है। अमौली ग्राम सभा मे जिम्मेदारो की लापरवाही से पंचायत भवन आज तक नहीं बन पाया। पंचायत भवन न होने से ग्रामीण, प्रमाण पत्र आदि के लिए ब्लॉक व तहसील के चक्कर काटने को मजबूर हैं।
मिनी सचिवालय की जानकारी बीडीओ को भी नहीं
अमौली ब्लॉक मुख्यालय ग्राम सभा में पंचायत भवन न होने से ग्रामीणो को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों के अनुसार पंचायत भवन का कार्य प्रधान के घर के एक कमरे में संचालित कराया जा रहा है जिससे कोई भी समस्या लेकर जाने से घबराता है। वहीं प्रधान के घर में कार्यालय बना होने से मनमाने ढंग से काम किया जा रहा है। पंचायत भवन के कार्य कहां से हो रहे हैं ये खण्ड विकास अधिकारी को नही पता तो ग्रामीणो को कैसे हो पता हो पायेगा।
मिनी सचिवालय न होने से ग्रामीण ब्लॉक व तहसील के काट रहे चक्कर
सरकार की दर्जनों योजनाओं से गांवो को जोड़कर विकास की डोर से बांधने का प्रयास किया जा रहा है।लेकिन गांवो में प्रधान और सचिव की करतूतों से उन योजनाओं का लाभ निचले स्तर तक नहीं पहुँच पा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकारी धन से लाखों के उपकरण खरीद लिए जाते हैं लेकिन उनके रख रखाव और संचालन की जिम्मेदारी किसी को नही दी जाती। हालत यह है कि उपकरण भवन में धूल फांकते रह जाते हैं। इस बावत खण्ड विकास अधिकारी विपुल विक्रम सिंह ने बताया कि पुरानी जर्जर बिल्डिंग के कारण मिनी सचिवालय का कार्य वहाँ से हटाया गया था। इस समय मिनी सचिवालय से सम्बंधित कार्य कहा हो रहे हैं ये प्रधान से पूछिये ?