दैनिक भास्कर ब्यूरो ,
फ़तेहपुर। जिले में पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा बनाई जा रही सड़कों में विभागीय जिम्मेदारों की सांठगांठ से कार्यदाई संस्था के ठेकेदारों द्वारा जमकर धांधली व अनियमिताएं बरती जा रही हैं। सड़कें पूरी तरह गुणवत्ता व मानक विहीन ढंग से बनाई जा रही हैं। जो कि निर्माण कार्य के कुछ समय पश्चात ही पपड़ी बनकर उधड़ रही हैं।
ऐसा ही एक मामला मलवां विकास खण्ड क्षेत्र के रेवाड़ी बुजुर्ग गांव में लाखों की लागत से बनाई जा रही डामर रोड व सीसीरोड का ग्रामीणों की लगातार शिकायत के बाद क्षेत्रीय विधायक जय कुमार सिंह जैकी के निरीक्षण के दौरान मिला। उक्त निर्माणाधीन सड़क को मेसर्स रजनेश सिंह कंस्ट्रक्शन ऐंड सप्लायर व मेसर्स स्वंयम्बर सिंह कंस्ट्रक्शन व सप्लायर द्वारा लाखों की लागत से बनाया जा था जो पूरी तरह गुणवत्ता व मानक विहीन थी। ग्रामीणों ने सड़क निर्माण कार्य की कई बार विभागीय अधिकारियों से लिखित व मौखिक शिकायत कर जांच की मांग की थी।
लेकिन कार्यदाई संस्था के ठेकेदार से सांठगांठ के चलते विभागीय जिम्मेदार मौन धारण किये हुए थे। जिस पर नाराज ग्रामीणों ने ठेकेदार पर सड़क निर्माण के दौरान अनियमितता बरतने के आरोप लगा निर्माण कार्य को रुकवा मामले की शिकायत विधायक जय कुमार सिंह जैकी से की थी। ग्रामीणों की शिकायत पर गुरुवार को बिन्दकी विधायक श्री सिंह ने निर्माणाधीन सड़क का आकस्मिक निरीक्षण किया।
जिन्होंने सबके सामने पहले कुदाल चलाकर फिर सड़क की पपड़ी को हाथ से उखाड़कर गुणवत्ता की जांच की। जांच के दौरान विधायक श्री सिंह ने ग्रामीणों द्वारा लगाए जा रहे अनियमितता व गुणवत्ता विहीन निर्माण के आरोपों को सही पाए जाने पर सम्बन्धित विभागीय जिम्मेदारों समेत कार्यदाई संस्था के ठेकेदारों को कड़ी फटकार लगाई।
जिन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों को भी ग्रामीणों द्वारा लगातार की जा रही निर्माण कार्य की शिकायत को अनसुना करने के लिए जमकर लताड़ लगाते हुए सभी को सख्त कार्यवाही का अल्टीमेटम दिया। जिन्होंने सड़क निर्माण के लिए आवंटित सरकारी बजट के बंदरबांट का भी अंदेशा जताते हुए पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच करवा दोषी जनो के खिलाफ सख्त कार्यवाही की बात कही। नाराज विधायक को ठेकेदारों ने बरगलाकर मनाने की कोशिस की लेकिन उन्होंने सख्त लहजे में उन्हें दूर रहने के लिए कहा।
विधायक श्री सिंह के गुस्से के पारे व सख्त नाराजगी को देखकर कार्यदाई संस्था के ठेकेदारों समेत विभागीय अधिकारियों में हड़कम्प मचा रहा। जिन्होंने विधायक के निरीक्षण दस्ते के अपने गंतब्य की ओर लौटते ही अपनी बचत के लिए अपने राजनैतिक आकाओं के फोन घुमाने शुरू कर दिए। क्षेत्रीय लोगो की माने तो यदि मामले की निष्पक्ष जांच हुई तो ठेकेदारों समेत छुटभैया विभागीय जिम्मेदारों ही नहीं बल्कि कई उच्च स्तरीय विभागियों की गर्दने भी फंस सकती है।
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