दैनिक भास्कर ब्यूरो,
फतेहपुर। मुख्यमंत्री भले ही माफियाओं पर नकेल कसने की बात करते हों मगर फतेहपुर जनपद में किसी भी माफिया को कोई खौफ नहीं है। भूमाफिया, खनन माफिया, शराब व गांजा माफिया, जुआ व सट्टा माफिया, स्वास्थ्य माफिया, शिक्षा माफिया लगभग सभी बेलगाम हैं ! हाल ही में पुलिस अधीक्षक की बड़ी कार्रवाई से संगठित अपराध पर कुछ लगाम तो लगी मगर प्रशासनिक लापरवाही व हीलाहवाली से सिस्टम में बैठे कलंदर बड़े मामलो को या तो रफा दफा करा देते हैं या फिर इन बड़े मामलो की फाइलों को दबवा देते हैं।
आपको बता दें कि फतेहपुर जनपद में अपनी गाढ़ी कमाई से आम आदमी एक प्लाट खरीदकर मकान बड़ी मुश्किल में बना पाता है वहीं भूमाफिया कुछ समय मे ही करोड़ों अरबों वैध अवैध तरीक़े से कमा लेते हैं। जिले में हर दो सौ कदम पर एक प्लाटिंग आपको मिल जाएगी जहां सुविधाओं के नाम पर ब्यवस्थाये शून्य हैं। अधिकतर प्लाटिंग अवैध तरीके से की गई हैं। बिना अकृषक कराए, बिना ले आउट के अवैध तरीके से की गई प्लाटिंग में अधिकतर लोग प्लाट लेकर फंस जाते हैं और प्रापर्टी डीलर रुपये लूटकर रफूचक्कर हो जाता है। भूमाफियाओं द्वारा बिना अकृषक कराए, बिना ले आउट कराए इन प्लाटिंग में करोड़ों रुपये के सरकारी राजस्व की चोरी की जा रही है।
खुलेआम हो रही इस चोरी के खिलाफ दैनिक भास्कर ने अभियान चलाया था जिसके बाद तत्कालीन डीएम श्रुति ने सख्ती दिखाई थी और एसडीएम व विनियमित क्षेत्र के जेई को अवैध प्लाटिंग के खिलाफ कार्रवाई के लिए निर्देशित किया था। डीएम की सख्ती के बाद विनियमित विभाग ने एक दर्जन अवैध प्लाटिंग के मालिकों व कथित भूमाफियाओं को नोटिस जारी की थी जिसके बाद प्रशासनिक महकमा गहन निद्रा में है जबकि आज भी लगभग सभी प्लाटिंग में धड़ल्ले से प्लाटों की बिक्री जारी है भूमाफियाओं के लिए ऐसी नोटिस महज कागज का टुकड़ा हैं तभी तो वह नोटिस में जवाब लगाकर खुलेआम सरकारी राजस्व की लूट कर रहे हैं जबकि बिना ले आउट के क्रेताओं के साथ भी सुविधाओं के नाम पर छल किया जा रहा है।
शहर की सबसे बड़ी प्लाटिंग जेल रोड में चल रही है जिसमे सबसे बड़े बाग को ही बिक्री किया जा रहा है। वन विभाग से दो सौ कदम दूर इस बाग में सैकड़ों पेड़ कट गए, प्लाट बिक्री कर भविष्य में हजारों पेड़ो को काटने की तैयारी भी है। पूर्व में जिलाधिकारी ने बाग में हो रही अवैध प्लाटिंग की जांच कराई थी मगर जांच भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। आश्चर्य यह है कि बिना ले आउट के चल रही अवैध प्लाटिंगो को धारा 10 के तहत नोटिस देने के बाद एसडीएम कोर्ट में एक मुकदमा चलने लगता है इस दौरान इन प्लॉटिंगों मे किसी भी हालत में बिक्री नहीं होनी चाहिए। रजिस्टार को ऐसी अवैध प्लाटिंग की गाटा पर बैनामा रोक देना चाहिए। मगर भ्रष्टाचार की गंगा में लगभग सभी अपने गोते लगा रहे हैं।
क्या कहते हैं जिम्मेदार –
इस बाबत विनियमित क्षेत्र के जेई रोहन ने बताया कि अवैध तरीके से संचालित प्लाटिंग को चिन्हित कर नोटिस जारी की गई है नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।
इस बाबत एसडीएम सदर प्रभाकर त्रिपाठी ने कहा कि लगभग एक दर्जन प्लाटिंग के मालिकों को नोटिस जारी की गई है कुछ लोगों का जवाब आया है। अगर बैनामे हो रहे हैं तो इसमे रोक लगाई जाएगी।