दैनिक भास्कर ब्यूरो
फतेहपुर । 15 अगस्त को पूरा देश स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। आजादी के इस ख़ास दिन एक युवती ने प्रशासनिक सिस्टम से त्रस्त होकर मुख्यमंत्री कार्यालय के सामने आत्मदाह की घोषणा की थी। युवती की समस्या के निस्तारण के बजाय 15 अगस्त को युवती लखनऊ न पहुंचे। इस पर पुलिस और प्रशासन खासी मेहनत कर रहा है। बताते हैं कि युवती को पुलिस ने उसके घर मे नजर बंद कर दिया है। आपको बता दें कि हथगांव थाना क्षेत्र के नया पुरवा मजरे करमोन गांव निवासी अनुराधा मौर्य पुत्री इंद्रसेन का राजस्व अभिलेखों में नाम दर्ज है। उसके कोई भाई भी नहीं है। उसके पिता की संपत्ति पर पारिवारिक लोगो ने कब्जा कर लिया है जिसको कब्जे से छुड़वाने के लिए पीड़िता बीते दस वर्षों से भटक रही है। न्याय पाने के लिए वह एसडीएम, डीएम, डिप्टी सीएम तक की चौखट पर मत्था टेक आई लेकिन कहीं से उसे न्याय नहीं मिला।
छावनी में तब्दील हुआ गांव, युवती की मान मनौव्वल करती रही टीमे
न्याय न मिलने पर पीड़ित युवती ने 15 अगस्त को मुख्यमंत्री कार्यालय के सामने आत्मदाह की घोषणा कर दी थी। 15 अगस्त को आत्मदाह की घोषणा से पुलिस प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। 15 अगस्त को युवती लखनऊ न पहुंचे इसलिए पुलिस ने उसके घर को छावनी में तब्दील कर दिया। बताते हैं सिस्टम से नाराज युवती अनुराधा ने घण्टो घर का दरवाजा नहीं खोला जिससे पुलिस हलाकान रही। बाद में पीड़ित युवती से पुलिस व राजस्व टीम के लोगो ने घण्टो बातचीत की, लेकिन युवती न्याय न मिलने पर आत्मदाह की जिद पर अड़ी रही।
दबंगो के आगे राजस्व टीम बेबस
बताते हैं कि युवती की आत्मदाह की घोषणा के बाद राजस्व टीम सक्रिय हुई थी। शुक्रवार को नायब तहसीलदार ओमप्रकाश के नेतृत्व में राजस्व टीम ने मौके की नाप की मगर धान लगे होने की वजह से टीम ने फसल को नष्ट नहीं करवाया। टीम ने शनिवार को बांस के खम्भे जमीन के चारों तरफ खड़े करवा दिए और युवती से प्रकरण निस्तारण का साइन करा लिया। युवती ने बताया कि राजस्व व पुलिस टीम के जाते ही दबंगो ने पुनः खम्भे उखाड़कर फेंक दिए और जमीन पर पुनः कब्जा कर लिया। पीड़ित युवती ने न्याय न मिलने पर 15 अगस्त को आत्मदाह की घोषणा की थी जिसके डर से उच्चाधिकारियों ने युवती के घर मे भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी है ताकि युवती कोई गलत कदम न उठा सके।