भास्कर ब्यूरो
बकेवर/फतेहपुर । देवमई विकास खण्ड की मुसाफ़ा ग्राम पंचायत के अधिकांश तालाब कूड़े करकट से भरे पड़े हैं। जिनमे पानी की एक बूंद नहीं है। जिसके चलते पशु पक्षी इस भीषण गर्मी में प्यास से ब्याकुल हो रहे हैं। इन सबके बावजूद भी जिम्मेदारों ने इन कूड़े करकट से पटे तालाबों की साफ सफाई करवा उनमें पानी भरवाना आज तक मुनाशिब नहीं समझा
जबकी ग्रामीणों की माने तो ग्राम प्रधान व पँचायत सेक्रेटरी ने तालाबों की साफ सफाई व जलभराव के कागजी आंकड़ों को दुरुस्त कर कई बार पैसा भी निकाला।
कई तालाबो में पानी की बूंद भी नहीं, अस्तित्वहीन हो रहे सौंदर्यीकृत तालाब
बकौल ग्रामीण गांव के एक भी तालाब का 2009-2010 के बाद से आज तक ना तो जिम्मेदारों ने साफ सफाई कराई और ना ही उनमें पानी ही भरवाया गया। जिससे लगभग लगभग गांव के सभी तालाब गन्दगी से पटे हुए सूखे पड़े हैं। बहुत से तालाबों में भी तो अवैध कब्जे भी शुरू हो गये हैं।
इनमें भी कुछ ऐसे तालाब हैं जिनसे लोगो के घरों में दूषित पानी घुस जाता है। जिनकी भी लम्बे समयांतराल से साफ सफाई ना होने के कारण तालाबो से दुर्गंध निकल रही है। वहीं मच्छर जनित बीमारियों का खतरा व ग्रामीणों का खुली हवा में सांस लेना भी दूभर हो गया है। तालाबों के सूखे होने की वजह से इस विकराल बदन झुलसाती गर्मी में पशु पक्षी भी प्यास से व्याकुल हो रहे हैं।
तालाबों की साफ सफाई कर उनमें जलभराव न करने के कारण पूर्व के समय मे लाखों रुपये खर्च कर तैयार किये गये मॉडल तालाब भी अपनी रंगत खोते जा रहे हैं जो कि गन्दगी व कूड़े के ढेरों से पटे हुए हैं। इन सबके बावजूद भी जिम्मेदारो ने इन अस्तित्वविहीन हो रहे तालाबो के सौंदर्यीकरण के लिए कोई पर प्रभावी कदम उठाया जाना मुनाशिब नहीं समझा। जिससे ग्राम पंचायत के अधिकांश तालाबों की स्थित बहुत ही दयनीय बनी हुई है।