फतेहपुर । उत्तर प्रदेश स्ववित्त पोषित महाविद्यालय एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी ने विशेष सचिव उच्च शिक्षा उत्तर प्रदेश डॉ अखिलेश मिश्रा से लखनऊ स्थित उनके कार्यालय मे भेंटकर उन्हें लिखित पुस्तक “भुशुंडि गरुड़ संवाद के सप्त प्रश्नोत्तरों की वर्तमान परिवेश में प्रासंगिकता” भेंट की। इस अवसर पर विनय त्रिवेदी ने विशेष सचिव को बताया कि श्री रामचरितमानस पर आधारित इस पुस्तक में छात्र और शिक्षक के बीच में होने वाले संवाद तथा शिक्षक द्वारा छात्रों को तरह-तरह से समझने के ढंग और प्रश्न को समझना आने पर छात्र द्वारा शिक्षक से प्रश्न करने के तरीके, शिक्षक और छात्र के बीच में अनुशासन तथा संवेदनशीलता का ऐसा वर्णन किया गया है।
जो आज के महाविद्यालयों एवं अन्य शिक्षण संस्थानों में पूरी तरीके से उपयोगी है। साथ ही अध्यापक शिक्षा में संचालित होने वाले पाठ्यक्रमों जैसे बीएड, बीटीसी आदि कोर्सों के लिए भी श्री रामचरित मानस बहुत ही उपयोगी है। अतः श्री रामचरितमानस को उक्त बीएड और बीटीसी महाविद्यालयों सहित सभी के लिए पठन-पाठन अनिवार्य करते हुए इसे पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जाए। श्री त्रिवेदी ने विशेष सचिव से मांग की कि पहले ग्रामीण क्षेत्र में महाविद्यालय खोलने के लिए 20000 वर्ग मीटर भूमि और शहरी क्षेत्र में महाविद्यालय खोलने के लिए 10000 वर्ग मीटर भूमि की आवश्यकता थी परंतु बाद में इसे तत्कालीन सरकार ने संशोधित करते हुए शहरी क्षेत्र हेतु 5000 वर्ग मीटर भूमि तथा ग्रामीण क्षेत्र हेतु 10000 वर्ग मीटर भूमि कर दिया।
ऐसी स्थिति में आज के समय एक ही पाठ्यक्रम चला रहे महाविद्यालय में भूमि के मानकों में दोगुनी का अंतर है विशेष सचिव से मांग की कि जिन महाविद्यालयों में पुराने मानकों के आधार पर दोगुनी भूमि है तो ऐसे महाविद्यालय में अतिरिक्त भूमि पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के भावना के अनुरूप स्किल डेवलपमेंट के कार्यक्रम आईटीआई अथवा अन्य तकनीकी कार्यक्रम या मॉडल इंटर कॉलेज खोलने की अनुमति दी जाए इस अवसर पर वाराणसी से डॉ गोपाल सिंह मौजूद रहे।