भास्कर ब्यूरो
बहुआ/फतेहपुर । बहुआ कस्बे के गांधी नगर परिसर में त्रिपाठी परिवार की ओर से आयोजित कथा का सोमवार को समापन हो गया। कथा के अंतिम दिन भी श्रीमद्भागवत का रसपान पाने के लिए भक्तों का सैलाब कथा स्थल पर उमड़ पड़ा। आचार्या किशोरी ने श्रीमद भागवत कथा का समापन करते हुए कई कथाओं का भक्तों को श्रवण कराया जिसमें प्रभु कृष्ण के 16 हजार शादियों के साथ रुक्मणी विवाहए सुदामा चरित्र प्रसंग और परीक्षित मोक्ष की कथायें सुनाई।
श्रीकृष्ण -सुदामा की मित्रता दुनिया के लिए मिसाल
इन कथाओं को सुनकर सभी भक्त भाव विभोर हो गए।
गांधी नगर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा का समापन सोमवार को हो गया। कथा पंडाल में अन्य दिनों से भक्तो की ज्यादा भीड़ थी। अंतिम दिन व्यासपीठ से अर्चना किशोरी ने भागवत कथा में भाग लेने वाले सभी धर्म प्रेमियों का आभार जताया और कहा कि भागवत कथा का होनाए बरसात का होनाए श्री कृष्णए राम नाम के उच्चारण का पाठ होनाए यज्ञ.हवन होना ये बड़े ही सुकर्मो से होता हैए और ऐसे आयोजन कोई खास ही धर्म प्रेमी करवाते हैं।
श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन हुआ सुदामा चरित्र का वर्णन
जो लोग ऐसे आयोजनों में भाग लेते है वो बडे़ ही भाग्यशाली होते है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने भागवत कथा में रसपान किया हैए उनके सारे पाप खत्म हो गए है और वो आगे से सुख के भागी बन गए है। कथा के अंतिम दिन भगवान श्री कृष्ण कथा सुदामा के मित्र की कथा सुनाते हुए कहा मित्र वही है जो सुख.दुख में काम आए।
मित्रता का सच्चा उदाहरण कृष्ण और सुदामा का है। श्रीमद भागवत कथा ज्ञान का भंडार है। इससे सभी समस्याओं का समाधान हो सकता है। इस मौके पर कथा के आयोजक रमाशंकर त्रिपाठी ने मंगलवार की सुबह होने वाले पूर्णाहूती हवन व भंडारे में सभी श्रोताओं को आने का आह्वान किया।