फतेहपुर। प्रत्येक ब्लॉक में ओडीएफ दर्जा प्राप्त गांव को कूड़ा कचरे से मुक्त करने व ग्रामीण क्षेत्रो को गंदगी से निजात दिलाने एवं स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांवों को कूड़े और कचरों से मुक्त बनाने के लिए गांव में आरआरसी सेंटर का निर्माण कराया गया जिसके तहत गांव से दूर आरआरसी सेंटर में गांव के घरों से निकलने वाले प्रदूषणकारी ठोस अपशिष्ट कूड़ा कचरा को इकट्ठा कर रिसाइकिल कर खाद के रूप में तब्दील करते हुए उपयोग में लाने के लिए सरकार ने यह नयी पहल शुरू की जिससे ग्रामीणों को गंदगी से निजात और कूड़ा कचरा गोबर का सही उपयोग कर उसे काम में लाया जा सके। जिस कारण गांव में आरआरसी सेंटर तो बनाए गए, लेकिन सरकार द्वारा सेंटर के लिए आये बजट का प्रधान व सचिवों ने जमकर बंदरबांट किया।
बता दें कि अमौली विकास खण्ड के चांदपुर गांव के नव निर्मित आरसीसी सेंटर की दीवारों में अभी से दरारे पड़ना शुरू हो गयी है। जल्द ही अगर इनको ठीक नहीं कराया गया तो कोई हादसा भी हो सकता है। ग्रामीणों ने लाखों की लागत से बने सेंटर पर दरारे पड़ने की मुख्य वजह ग्राम प्रधान एवं सचिव की मिलीभगत से बजट का बंदर बाट करते हुए चहेते ठेकेदार को टेंडर देकर मानक विहीन निर्माण कार्य करने का आरोप लगाया है।
ग्रामीणों के अनुसार सेंटर को बने लगभग सात महीने बीत चुके हैं उसका भी सही ढंग से सदुपयोग नहीं हो रहा है। सेंटर में कूड़ा कचरा डालकर खाद बनाने की प्रक्रिया लगभग बंद है। चांदपुर गांव की नालियों और जगह जगह घूर गड्डो में ही ग्रामीण कचरा डाल रहे है जिसकी वजह से कूड़े से पटी नालियां सड़क के ऊपर बहता गन्दा पानी गांव की पहचान बन चुकी है।
इस बावत ग्राम पंचायत के सचिव नीरज सोनकर ने बताया कि सेंटर में बनी दीवारों में अगर दरारें आयी है तो उसका निरीक्षण कर सही कराया जायेगा। सेंटर अभी ठीक से चालू नही हुआ है।