फतेहपुर : गन्ना का समय पर होगा भुगतान, बेसहारा गोवंश की समस्या का होगा समाधान

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने धाता कस्बा में घर-घर जाकर मांगे वोट

भाजपा प्रत्याशी कृष्णा पासवान के अलावा कई पदाधिकारी रहे साथ
 भास्कर ब्यूरो
खागा/फतेहपुर।
क्षेत्र के किसानों की कोई भी समस्या लंबित नहीं रहेगी। गन्ना किसानों को समय पर भुगतान दिलाने के लिए सरकार ने कड़े नियम बनाए हैं। यदि गन्ना उत्पादक किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य, तय समय पर नहीं मिलता है तो चीनी मिल या फिर क्रय एजेंसियां देरी का ब्याज देंगी।उक्त उद्द्गार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने धाता कस्बा में कही। शनिवार को वह भाजपा प्रत्याशी व मौजूदा समय में क्षेत्रीय विधायक कृष्णा पासवान के लिए वह घर-घर जाकर वोट मांगने आए थे। प्रदेश अध्यक्ष ने खागा विधान सभा, विशेषकर धाता क्षेत्र के लिए कहा कि अबकी बार सरकार बनने पर लंबित समस्याओं को सबसे पहले दूर किया जाएगा।

धाता इंटर कालेज में उनका हेलीकाप्टर देखने के लिए बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ पहुंची थी। जय श्रीराम, एक बार फिर भाजपा सरकार के नारे लगाते हुए कार्यकर्ताओं ने रास्ते भर जोश भरा। पार्टी प्रत्याशी कृष्णा पासवान के साथ राष्ट्रीय मंत्री विनोद सोनकर , जिला अध्यक्ष आशीष मिश्रा, चुनाव प्रभारी लवकुश चतुर्वेदी, बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण पाण्डेय, दुर्गाशंकर गुप्ता, विवेक पटेल, अनंत पटेल, महेंद्र पटेल, राजेश पटेल आदि लोगों के साथ प्रदेश अध्यक्ष ने बजार, दीपनारायण चौराहा, ब्लाक गेट के सामने तथा सिराथू रोड पर मतदाताओं के घर-घर जाकर वोट मांगा। इस अवसर पर भाजपा समर्थित खागा विधानसभा प्रत्याशी कृष्णा पासवान, जिलाध्यक्ष भाजपा आशीष मिश्रा, राष्ट्रीय मंत्री विनोद सोनकर, चुनाव प्रभारी लवकुश चतुर्वेदी, बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के केंद्रीय अध्यक्ष प्रवीण पाण्डेय, जिला महामंत्री दुर्गा शंकर गुप्ता, मोदी अगेन पीएम के जिलाध्यक्ष अवधेश मिश्रा जिला पंचायत सदस्य हिमांशु त्रिपाठी, मण्डल अध्य्क्ष रवी तिवारी, विजयीपुर ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि व ( पति ) आदित्य त्रिवेदी समेत लगभग चार सैकड़ा पार्टी पदाधिकारी व महिला एवं पुरुष कार्यकर्ता मौजूद रहे। हालांकि इस दौरान विगत दिनों फतेहपुर शहर में आयोजित पीएम मोदी की रैली की तरह उपरोक्त कार्यक्रम से भी भाजपा के कई बड़े पूर्व पदाधिकारी व कार्यकर्ता नदारद रहे।

एक आध जो मौजूद भी रहे उनको भी आयोजको ने कोई विशेष तरजीह नहीं दी। जिससे क्षेत्रियों के बीच पार्टी समर्थित विधानसभा प्रत्याशी व कार्यकर्ताओं के बीच मतभेदों की बड़ी खाई व गुटबाजी की चर्चाए भी होती रहीं। जानकारों की माने तो यदि इन चर्चाओं पर तनिक भी सत्यता रही तो पार्टी समर्थित प्रत्याशी की चुनावी राहों को आने वाले दिनों में और भी अधिक मुश्किलें पैदा कर सकती हैं। 

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