भास्कर ब्यूरो
बकेवर/फतेहपुर । सड़कों पर घूमतीं, कूड़ा खाती गायों के नजारे आम हैं। आवारा मवेशियों की समस्या दूर करने के कई सरकारी प्रयासों के बावजूद जिम्मेदार इस जनसमस्या का कोई स्थायी हल नहीं निकाल पाए। शहर की सड़कों व गाँवो पर आवारा मवेशियों ने डेरा डाल रखा है। कई बार तेज गति से वाहन चालक इनसे टकराकर हादसे का शिकार हो जाते हैं। पीड़ित चालक की मदद के लिए तो लोग आगे आ जाते हैं, लेकिन दुर्घटना में घायल मवेशी की ओर किसी का ध्यान नहीं जाता। वह वहीं तड़पता रहता है। अब इन पशुओं की सहायता का बीड़ा मुसाफा चौकी व मुसाफा गांव के स्वयं सेवको ने उठाया है।
वह ना सिर्फ उनके इलाज का प्रबंध करते हैं, बल्कि उन मवेशियों के चारा ,पानी का प्रबंध भी करते हैं। इनके इस नेक काम में एक पशु चिकित्सक दर्शिका साहू व उनकी चिकित्सा टीम भी हाथ बंटा रही है। टीम हर समय गोवंश की रक्षा के लिये तत्पर रहती है। इनमें से कोई नौकरीपेशा है तो कोई व्यवसायी व कुछ विद्यार्थी। अपने काम-काज के साथ ये इस अभियान को भी अच्छे ढंग से चला रहे हैं। यह लोग अब तक कई घायल-बीमार गाय, बैल और बछड़ो का इलाज करा चुके हैं।
मंगलवार को टीम ने सड़क किनारे दो घायल मवेशियों को तड़पते हुए देखा। जिनमे एक का पैर कटा हुआ था और के गले के पास भारी फोड़ा निकल रहा था। जिस पर स्वयं सेवकों ने स्थानीय पुलिस कर्मियों की मदद से जैसे-तैसे मवेशियों को यूकेलिप्टिस के पेड़ पर बंधवाया और चिकित्सक टीम को बुलाया। पैर की हड्डी टूटने की वजह से वह उठ भी नहीं पा रहा था। एक गाय हड्डी टूटने से भी घायल हो गई थी। स्थानीय वासियों की सहायता से इन नौजवानों ने उसकी मरहम-पट्टी करवाई।
इस मौके पर मुसाफा चौकी प्रभारी धर्मेंद्र कुमार, आरक्षी सत्येंद्र सिंह ,दिनेश कुमार, अंशुल कुमार, रवीश कुमार, शीलेश कुमार व मुसाफा ग्राम के युवा टीम के सदस्य राधे शुक्ला, निकेतन दीक्षित, प्रांजुल पांडे, शिवम त्रिवेदी आदि युवाओ द्वारा मदद की गयी। मुसाफा निवासी राधे शुक्ला ने कहा कि तेज रफ्तार वाहन चालक कई बार इनसे टकराकर खुद तो घायल होते ही हैं इन मूक पशुओं को भी चोट पहुंचती है। लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं देता। लोगों से अनुरोध है कि वे इनके प्रति भी संवेदनशील बने। समस्या इस कदर विकराल हो चुकी है कि छुट्टा मवेशियों को गोशालाओं में रखना पर्याप्त नहीं है।