ईरान में एक ही दिन में 12 कैदियों को फांसी दे दी गई। ईरान ने जिन 12 कैदियों को फांसी दी है, उनमें 11 पुरुष और 1 महिला कैदी शामिल है। ये सभी बलूचिस्तान के रहने वाले थे और सुन्नी समुदाय से ताल्लुक रखते थे। इन सभी पर ड्रग्स की तस्करी या फिर हत्या करने का आरोप है। ईरान में लगातार दी जा रही फांसी से मानवाधिकार संगठनों की चिंता बढ़ गई है।
ड्रग्स आरोपियों को दी गई फांसी की सजा
सभी 12 अपराधियों को सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित मुख्य जेल जाहेदान में फांसी दी गई। ईरान का यह प्रांत अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा से सटा हुआ है। नार्वे स्थित ईरान ह्यूमन राइट्स ने यह जानकारी दी है। इन 12 लोगों में से 6 को ड्रग्स से जुड़े आरोपियों को फांसी की सजा दी गई है। अन्य 6 लोगों को हत्या करने के आरोप में फांसी दी गई है।
एक साथ 12 अपराधियों को सजा-ए-मौत
एक साथ 12 अपराधियों को सजा-ए-मौत देने के लिए ईरान सरकार की तीखी आलोचना हो रही है। दरअसल, सरकार पर आरोप है कि पिछले कुछ सालों में बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक सुन्नी समुदाय के लोगों को फांसी की सजा दी जा रही है। ईरान में ज्यादातर लोग शिया धर्म को मानने वाले हैं।
जानिए ये आंकड़े
ईरान ह्यूमन राइट्स के कार्यकर्ताओं का कहना है कि ईरान में जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। इसमें खासतौर पर कुर्द, बलूच और अरब शामिल हैं। संगठन के मुताबिक, साल 2021 में ईरान में दी गई कुल फांसी में 21 फीसदी लोग बलूच लोग थे, जबकि ईरान की कुल पॉपुलेशन में सिर्फ 2-6 प्रतिशत लोग ही बलूच हैं।
314 लोगों को मौत की सजा दी गई
एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, मौत की सजा देने वाले देशों में ईरान सबसे ऊपर है। साल 2021 में 314 लोगों को मौत की सजा दी गई। यह साल 2020 की तुलना में 25 फीसदी ज्यादा है। 2020 में 246 लोगों को मौत की सजा दी गई थी।