फिल्म निर्देशक ध्रुव हर्ष को मिला ICSSR पोस्टडॉक्टोरल फेलोशिप, महाभारत पर करेंगे शोध

नई दिल्ली । प्रसिद्ध हिन्दी फिल्म निर्देशक और शोधकर्ता ध्रुव हर्ष को वर्ष 2024-25 के लिए भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) की पोस्टडॉक्टोरल फेलोशिप से सम्मानित किया गया है। यह प्रतिष्ठित फेलोशिप उन्हें जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में अपने शोध “महाभारत में न्याय की अवधारणा” (The Idea of Justice in the Mahabharata) को आगे बढ़ाने के लिए प्रदान की गई है।

ध्रुव हर्ष ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में पीएचडी पूरी की है, जिसमें उन्होंने समकालीन भारतीय अंग्रेजी उपन्यासों में महाभारत के प्रभाव पर रिसर्च किया था। अब वे JNU में पोस्टडॉक्टोरल शोध कर रहे हैं और इस विषय को और विस्तृत दृष्टि से समझने के लिए उन्हें यह प्रतिष्ठित फेलोशिप मिली है।

इस उपलब्धि पर ध्रुव हर्ष ने कहा, महाभारत केवल एक महाकाव्य नहीं, बल्कि न्याय, नैतिकता और राजनीति का अद्भुत ग्रंथ है। यह शोध मुझे यह समझने में मदद करेगा कि कैसे यह ग्रंथ आज भी हमारे समाज को प्रभावित करता है। ICSSR की फेलोशिप से मुझे इस अध्ययन को और गहराई तक ले जाने का अवसर मिला है।

ध्रुव हर्ष का जन्म उत्तर प्रदेश के गोंडा ज़िले के बनकसिया शिवरतन सिंह गांव में हुआ था। उनका परिवार एक जमींदार घराने से ताल्लुक रखता है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा केंद्रीय विद्यालय, आईटीआई मनकापुर में हुई, जिसके बाद उन्होंने प्रयागराज के यूइंग क्रिश्चियन कॉलेज से ग्रेजुएशन किया और फिर इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में परास्नातक किया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने उनके जीवन पर गहरी छाप छोड़ी। इस बारे में वे कहते हैं, इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने मुझे यह सिखाया कि विचारों की स्वतंत्रता सबसे बड़ी शक्ति है। यहां के वातावरण ने मुझे उन मान्यताओं को चुनौती देना सिखाया जो हमारे दैनिक जीवन में गहराई तक जमी होती हैं।

ध्रुव हर्ष का नाम न केवल फिल्म जगत में बल्कि साहित्य व शोध जगत में भी जाना-पहचाना है। वे अपनी फिल्मों में सामाजिक सरोकारों और समकालीन मुद्दों को प्रभावी तरीके से प्रस्तुत करने के लिए मशहूर हैं। उनकी फिल्में न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराही गई हैं।

उन्होंने कई चर्चित फिल्मों का निर्देशन किया है, जिनमें “ऑनरेबल मेनशन”, “हर्षित” (2018), “डू आई एक्ज़िस्ट: ए रिडल” (2019), “इल्हाम” (2023) और “पैरेबल” (2023) शामिल हैं। उनकी फिल्म “इल्हाम” को 11वें कोलकाता अंतरराष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव में प्रदर्शित किया गया था और इसकी सामाजिक संवेदनशीलता को खूब सराहा गया। ध्रुव हर्ष मानते हैं कि सिनेमा और साहित्य, दोनों ही समाज को देखने और समझने के जरिये हैं। ध्रुव हर्ष फिलहाल अपने डॉक्यूमेंट्री फिल्म लास्ट स्केच पर काम कर रहे हैं, जो कोलकाता के हाथ-रिक्शा चालकों के जीवन पर आधारित है। यह फिल्म जल्द ही फेस्टिवल सर्किट में प्रदर्शित होने के लिए तैयार है।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें

बिहार के एक गांव में पांच बच्चों को नंगा करके घुमाया विराट और अनुष्का एयरपोर्ट पर हुए स्पॉट बिना ऐप के ऐसे रखें अपना Android स्मार्टफोन पूरी तरह सुरक्षित Google Gemini का नया ‘Catch Me Up’ फीचर दक्षिण कोरिया में ली जे-म्यांग बने नए राष्ट्रपति