गोपाल त्रिपाठी
गोरखपुरः गोरखपुर में एक कार्यक्रम में शरीक होने आए हिंदी साहित्य के मशहूर साहित्यकार व कवि डा.कुमार विश्वास उर्दू शायरी के चिराग व महान शायर फिराक गोरखपुरी के पैतृक गांव बनवारपार पहुंचे। फिराक की माटी को माथे से लगाकर नमन किया। फिराक के जीर्ण शीर्ण हो चुके पैतृक भवन को देख कर वे मायूस हो उठे। बरबस उनके मुंह से बोल फूट पडे कि फिराक को वह सम्मान नहीं मिला जिसके वे हकदार थे।
हास्य कवि दिनेश बावरा के साथ बनवारपार के प्राथमिक विद्यालय पर लगी फिराक की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद उन्होंने वाचनालय में फिराक की कृतियों का अवलोकन किया। दैनिक भास्कर द्वारा किए गए सवाल कि फिराक की सरजमीं पर आकर कैसा महसूस करते हैं, इसका जवाब देते हुए कहाकि फिराक साहब के जन्मस्थल की माटी पर कदम रखना मेरे लिए गौरव की बात है।
पाकिस्तान के मशहूर उर्दू शायर गालिब के बाद फिराक गोरखपुरी की शोहरत पूरे विश्व में है। ऐसा आलोचकों का भी मानना है। फिर भी फिराक अपने ही घर में बेगाने हो गए। फिराक को पढने व समझने की जरूरत है। आने वाली पीढियों को फिराक की कृतियों से रूबरू कराने के लिए उन्हें पाठ्यक्रम में भी शामिल करना होगा। उन्होंने कहाकि बीते दिनों थाईलैंड में पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी से तीन दिवसीय फिराक महोत्सव कराने तथा कैंलेंडर में शामिल करने की मांग की है। राम मंदिर व जिन्ना जैसे बयानों पर कुमार विश्वास ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहाकि राम तुम्हारे मंदिर के मोहताज नहीं हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर बनना चाहिए। वर्तमान राजनीति में चल रही उथल पथल पर उन्होंने कहाकि हालात इस कदर हो गए हैं कि किधर जाएं। हालांकि मेरी एक किताब आने वाली है जिस पर पिछले सात साल की राजनीति पर भी फोकस होगा।
क्षेत्रीय कवियों ने कुमार विश्वास को किया सम्मानित
कार्यक्रम के दौरान क्षेत्रीय कवि रामअधार व्याकुल, छोटेलाल प्रचंड, तालिब गोरखपुरी व डा.फूलचंद तिवारी ने हास्य कवि दिनेश बावरा के गांव सिसई पर आयोजित कार्यक्रम में डा.कुमार विश्वास को सम्मानित किया। इसके अलावा पत्रकारों ने हिंदी साहित्य के उत्थान हेतु उल्लेखनीय कार्य करने के लिए डा.कुमार विश्वास व दिनेश मिश्र बावरा को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर महेंद्र प्रताप सिंह, नागेंद्र पांडेय, गोपाल त्रिपाठी, घनश्याम कुमार, राकेश यादव, शुभम गुप्ता, राजेश यादव, राजेश पांडेय, राजकुमार यादव, रिंकू मिश्र, अविनाश शुक्ल सहित अन्य लोग मौजूद रहे। गंवई संस्कृति सभ्यता से रूबरू होने तथा स्वागत से अभिभूत डा.विश्वास ने कहाकि वे पुनः यहां आएंगे और इस माटी के लिए कुछ नया करेंगे।