कोहरे का कहर : नेशनल हाईवे पर अज्ञात वाहन ने मारी मवेशियों को ठोकर, चार की मौके पर मौत

चार मवेशियों की मौके पर मौत।

तराई क्षेत्र में भयावह है कोहरे का प्रकोप। साथ सड़को पर टहल रहे पशु दे रहे दुर्घटना को दावत।

गौशाला होने के बावजूद निराश्रित पशु क्यों हाईवे पर बनाये है ठिकाना । जिम्मेदार मौन।

मिहींपुरवा/बहराइच l तराई क्षेत्र में पड़ रहे भयावह कोहरे के कारण इन दिनो मार्ग पर कई जगह दुर्घटनाओं की सम्भ‍ावना बनी हुई है। इसके अलावा सड़को के किनारे टहलने वाले मवेशियों का झुंड भी कोहरे में दुर्घटनाओं की सम्भावनाओं को बढ़ा रहा है।
शनिवार को सुबह करीब 11 बजे तहसील मिहींपुरवा के गायघाट गांव में स्थित मोहन गिरी बाबा मंदिर के समीप नानपारा-लखीमपुर नेशनल हाईवे पर मवेशियों का झुंड टहल रहा था कोहरे के चलते मार्ग पर धुंध छायी हुई थी। हाईवे से गुजरने वाले अज्ञात वाहन ने मवेशियो के झुंड पर टक्कर मार दी जिससे चार मवेशियों की मौके पर ही मौत हो गयी।

सड़क मवेशियों के चलते हुई दुर्घटनाओं का जिम्मेदार कौन ?

शासन की ओर से सभी तहसीलों को निर्देश दिये गये थे कि गौशाला निर्माण करा क्षेत्र में टहल रहे निराश्रित पशुओं की देखभाल सुनिश्चित करायें। शासन निर्देशों से गौशालाओं का निर्माण तो करा लिया गया किंतु उसके रखरखाव व पशुओं की देखभाल को लेकर जिम्मेदार संवेदनहीन हो गये जिसके चलते निराश्रित पशुओं को उनके आश्रय स्थल में ठिकाना न मिल सका। गौशाला होने के बावजूद भी अधिकतम निराश्रित पशु बाजारों में वह सड़कों में खुलेआम घूमते देखे जा रहे हैं व घने कोहरे के बीच दुर्घटनाओं को दावत दे रहे हैं।
ऐसेे में प्रश्न है कि निराश्रित पशुओं के चलते आय दिन हो रही दुर्घटनाओं में हो रही मेंवेशियों व नागरिको की मौत की जिम्मेदारी कौन लेगा।

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