
बर्लिन/मुंबई, 17 सितम्बर 2025 : फाउंडामेंटल, जो प्रोजेक्ट इकोनॉमी (जैसे कंस्ट्रक्शन, इन्फ्रास्ट्रक्चर और हैवी-इंडस्ट्री सप्लाई चेन) पर फोकस करने वाला दुनिया का लीडिंग वेंचर कैपिटल प्लेटफॉर्म है, ने अपना तीसरा फंड लॉन्च किया है। इस फंड के जरिए कंपनी भारत और एशिया-प्रशांत (APAC) क्षेत्र में अपने निवेश को और बढ़ाने के साथ-साथ वैश्विक बाजारों पर भी फोकस करेगी।
यह फर्म, जिसे बर्लिन स्थित मैनेजिंग पार्टनर्स शुभंकर भट्टाचार्य और पैट्रिक हेलरमैन लीड कर रहे हैं, का लक्ष्य है कि 2025 के अंत तक “फंड III” को पूरी तरह क्लोज कर लिया जाए।
12 ट्रिलियन डॉलर का बड़ा मौका
कंस्ट्रक्शन और इंफ्रास्ट्रक्चर, जो प्रोजेक्ट इकोनॉमी के केंद्र में हैं, अगले 10 सालों में लगभग 12 ट्रिलियन डॉलर का अवसर प्रदान करते हैं। ये सेक्टर टैलेंट, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और सप्लाई चेन के विकास को तेजी देंगे। लेकिन ये अभी भी दुनिया के सबसे कम डिजिटल सेक्टर्स में से हैं। यही डिजिटल गैप आने वाले समय के नए लीडर्स के लिए बड़ा मौका बनेगा। यह इकोसिस्टम दुनिया की जीडीपी का लगभग एक-तिहाई हिस्सा प्रभावित करता है।
साल 2019 से फाउंडामेंटल के को-फाउंडर और जनरल पार्टनर के तौर पर शुभंकर भट्टाचार्य ने कंस्ट्रक्शन-टेक को वेंचर कैपिटल के एक अनदेखे हिस्से से एक ग्लोबल ग्रोथ स्टोरी में बदल दिया।
जब इस क्षेत्र में फंडिंग मुश्किल से 4.5 अरब डॉलर तक पहुंची थी, तब उन्होंने 60 मिलियन डॉलर के साथ शुरुआत की। उनका मानना था कि जैसे ही बाजार 5 अरब डॉलर का आंकड़ा पार करेगा, यह तेजी से बढ़ेगा। यह बात सही साबित हुई, क्योंकि 2024 तक कुल फंडिंग 37 अरब डॉलर से ज्यादा हो गई। आज, फाउंडामेंटल का पोर्टफोलियो 22 से अधिक देशों और 75 से अधिक भौगोलिक क्षेत्रों में फैला हुआ है।
शुभंकर भट्टाचार्य ने कहा कि, “दुनिया भर में विजेता और मार्केट लीडर्स को समर्थन देकर हमने अपनी समझ को और बढ़ाया है। इससे हम समझ पाते हैं कि सफल फाउंडर में कौन-सी खूबियां होती हैं और कौन-से बिजनेस मॉडल लंबे समय तक चलते हैं। एक ग्लोबल निवेशक होने के नाते हमें भारतीय फाउंडर्स के साथ काम करने में खास फायदा मिलता है।”
भारत – ग्लोबल स्ट्रैटेजी का केंद्र
भारत, फाउंडामेंटल के लिए सबसे मजबूत बाजारों में से एक बनकर उभरा है। इसकी पोर्टफोलियो कंपनियां जैसे इंफ्रा.मार्केट (Infra.Market) और इंफ्राप्राइम लॉजिस्टिक्स (Infraprime Logistics) अपना आईपीओ लाने की तैयारी कर रही हैं, जो देश में मौजूद बड़े और परिपक्व अवसरों को दिखाता है।
एशिया-प्रशांत (APAC), यूरोप और अमेरिका के अनुभव के आधार पर, फाउंडामेंटल भारत को क्रॉस-बॉर्डर कस्टमर नेटवर्क, लंबे समय का सपोर्ट और प्रोजेक्ट-बेस्ड इंडस्ट्रीज के लिए जरूरी गहरी समझ देता है। इससे वे भारतीय कंपनियों को चुनौतियों का सामना करने, दूसरे देशों से सीख लाने और इंटरनेशनल स्तर पर बढ़ने में मदद करते हैं।
भट्टाचार्य ने कहा कि, “भारत इस समय इंफ्रास्ट्रक्चर में 100 साल में एक बार होने वाले बड़े बदलाव से गुजर रहा है। ऐसे में कार्यकुशलता, पारदर्शिता और तकनीक की जरूरत पहले से कहीं ज्यादा है। फंड III हमें भारत में और गहराई से निवेश करने का मौका देता है, जबकि हम वैश्विक स्तर पर भी निवेश जारी रखेंगे।”
वैश्विक पहुंच का विस्तार
भारत के अलावा, फाउंडामेंटल का वैश्विक स्तर पर भी अच्छा रिकॉर्ड रहा है। इसने कई बेहतरीन कंपनियों को समर्थन दिया है, जैसे जर्मनी की एंटर (Enter ), अमेरिका की स्नैपट्यूड (Snaptrude), सिंगापुर की टाजापे (Tazapay), नीदरलैंड की मॉन्यूमेंटल (Monumental) और यूके की स्पेक्ल (Speckle)। ये सभी कंपनियां अपने-अपने बाजारों में प्रोजेक्ट इकोनॉमी के महत्वपूर्ण हिस्सों को बदल रही हैं।
आज, फाउंडामेंटल 22 देशों में निवेश करता है और व्यापक प्रोजेक्ट इकोनॉमी के भीतर 7 मुख्य क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करता है। यह 500,000 डॉलर से 5 मिलियन डॉलर के निवेश के साथ प्री-सीड से लेकर सीरीज A राउंड तक का नेतृत्व करता है:
कंस्ट्रक्शन और बिल्डिंग मैटेरियल्स
• इन्फ्रास्ट्रक्चर
• CAD, आर्किटेक्चर और इंजीनियरिंग
• रेनोवेशन
• हैवी इंडस्ट्री के लिए सप्लाई चेन और लॉजिस्टिक्स
• लॉट-साइज 1 मैन्युफैक्चरिंग
• एयरोस्पेस, डिफेन्स और शिपबिल्डिंग
अमेरिका, यूरोप, एशिया-प्रशांत और मिडिल ईस्ट-नॉर्थ अफ्रीका (MENA) में अपनी मौजूदगी के साथ, फंड III इस पहुंच को और बढ़ाएगा, जबकि भारत इसकी रणनीति का मुख्य केंद्र बना रहेगा।
मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड पर आगे बढ़ते हुए
फंड III, फंड I (2019) और फंड II (2022) की सफलता पर आधारित है। ये दोनों अपने-अपने साल में लॉन्च हुए ग्लोबल फंड्स में टॉप 10 फीसदी में रहे हैं। इससे पता चलता है कि फाउंडामेंटल कंस्ट्रक्शन-टेक सेक्टर में बेहतरीन निवेशकों को पहचानने में लीडर है।
भट्टाचार्य ने कहा कि, “हमारा कैपिटल प्लेटफॉर्म प्रोजेक्ट इकोनॉमी में निवेश करने वाले ग्लोबल ब्लू-चिप इन्वेस्टर्स को जोड़ता है। इसकी खास बात यह है कि फंड I और फंड II के सभी निवेशक, फंड III में भी वापस आए हैं। इनमें से 40 फीसदी ने अपनी कमिटमेंट दोगुनी की और 60 फीसदी ने उससे भी ज्यादा बढ़ाई। यह पूंजी बहुत कम समय में जुटाई गई, वह भी बिना किसी पारंपरिक रोडशो के। सिर्फ 20 से भी कम मीटिंग में हमें यह भरोसा और समर्थन मिला, जो हमारे पुराने निवेशकों के भरोसे और नए निवेशकों की मजबूत मान्यता को दर्शाता है।”