अनूपशहर में चार पीढ़ियों ने एक साथ किया गोवर्धन पूजन

श्रद्धाभाव से मनाया गया गोवर्धन का पर्व

भास्कर समाचार सेवा
अनूपशहर। नगर गोवर्धन पूजा का पर्व बड़े धूमधाम एवं उल्लास के साथ मनाया गया। कस्बेवासियों ने अपने घरों में आस्था के साथ गाय के गोबर से गिरिराज गोवर्धन की आकृति बनाकर विधि-विधान से पूजा की। ग्रामीण क्षेत्रों में गोवर्धन पूजा को लेकर सुबह लोगों ने अपने घरों में गायों को फूल माला आदि से सजाकर उनकी पूजा की एवं अपने परिवार की सुख समृद्धि की कामना की। गोवर्धन पूजा का भारतीय संस्कृति में अत्यधिक महत्व है। इस पर्व पर गोवर्धन पर्वत और पशुधन की पूजा की जाती है।भक्तों ने भगवान गिरिराज जी को अन्नकूट का भोग लगाया। इस दौरान अनूपशहर में जगह-जगह भंडारों का आयोजन भी किया गया।

इसलिए होती है गोवर्धन पूजा
गोवर्धन पूजा के बारे में मान्यता है कि देवराज इंद्र का घमंड तोड़ने के लिए श्रीकृष्ण ने इंद्र की पूजा करने की बजाय गोवर्धन पर्वत की पूजा करने के लिए ग्रामीणों को प्रेरित किया। जब इंद्र को इस बात का पता चला तो उन्होंने पूरे गोकुल गांव को नष्ट करने व कृष्ण को अपनी शक्तियों का परिचय देने के लिए भारी बारिश करा दी। गांव में हाहाकार मच गया। तब भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी अंगुली पर उठा लिया और ग्रामीणों की रक्षा की। सात दिन तक लगातार इंद्र ने अपना कहर बरपाया, लेकिन किसी भी ग्रामीणों को क्षति नहीं पहुंची। तब से भगवान श्रीकृष्ण को गोवर्धन के नाम से भी जाना जाता है।ब्रह्मा जी ने जाकर भगवान इंद्र को समझाया जिससे उनका क्रोध शांत हुआ। इंद्र ने क्षमा याचना की, इसके बाद भगवान कृष्ण ने पर्वत को नीचे रखा और ब्रजवासियों से सभी प्रकार के अन्न का मिश्रण कर गोवर्धन को भोग लगाने को कहा, जिसे अन्नकूट कहा गया। इस दिन कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि थी। इसी दिन के बाद से भारत में गोवर्धन पूजा की शुरुआत हुई। तब से लेकर आज तक दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन की पूजा होती है। किंतु इस बार दीपावली के दूसरे दिन ग्रहण होने के कारण संपूर्ण देश में गोवर्धन पर्व दीपावली के तीसरे दिन मनाया जा रहा है।

चार पीढ़ियों ने एक साथ किया गोवर्धन पूजन
कस्बे के मोहल्ला नेहरूगंज चौदह मौजा स्थित डिबाई विधायक सी पी सिंह के आवास पर उनकी मां रामवती ने अपने विधायक बेटे सीपी सिंह व केसरीसिंह तथा पौत्र वीरेंद्र लोधी व चुन्नीलाल लोधी तथा प्रपोत्र अक्षय, आदित्य तथा अर्थव एवं तीसरे बेटे चरनसिंह तथा पौत्र अमित के साथ परम्परागत रूप से पूजा अर्चना कर गोवर्धन पर्व मनाया।

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