मुंबई, 29 जनवरी: अंधेरी वेस्ट स्थित रहेजा क्लासिक क्लब में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दादा साहब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (DPIFF) के नाम पर चल रहे फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा हुआ। अनिल मिश्रा और उनके सहयोगियों पर आरोप है कि उन्होंने भारतीय सिनेमा के जनक दादा साहब फाल्के की विरासत का दुरुपयोग कर मशहूर हस्तियों, प्रभावशाली व्यक्तियों और फिल्म इंडस्ट्री के पेशेवरों को धोखा दिया।
*प्रेस कॉन्फ्रेंस में पेश किए गए आरोप और सबूत:*
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कानूनी विशेषज्ञों, राजनीतिक प्रतिनिधियों और उद्योग के महत्वपूर्ण लोगों ने हिस्सा लिया।
*अनिल मिश्रा और उनके सहयोगियों पर लगे मुख्य आरोप:*
1. *छल और धोखाधड़ी:*
2. *आर्थिक धोखाधड़ी:*
3. *भ्रामक दावे:* . 4*जालसाजी और पहचान की चोरी:*
5. *हितों का टकराव:* मुख्य आरोपी:**
अनिल मिश्रा (DPIFF अध्यक्ष), श्रीमती पार्वती मिश्रा (उपाध्यक्ष), अभिषेक मिश्रा (सीईओ), और श्वेता मिश्रा (कानूनी व जनसंपर्क निदेशक)।
*कानूनी कार्रवाई और अगला कदम:*
शिकायतकर्ताओं असलम शेख और शकील पटनी का प्रतिनिधित्व कर रहीं अधिवक्ता यासमीन वानखेड़े ने अंबोली पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत के आधार पर तत्काल कानूनी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ धोखाधड़ी का मामला नहीं है, बल्कि भारतीय सिनेमा की विरासत और जनता के विश्वास का उल्लंघन है। सख्त धाराओं और आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई होनी चाहिए।”
*प्रमुख हस्तियों के बयान:*
महाराष्ट्र बीजेपी चित्रपट कामगार सेना के अध्यक्ष श्री समीर दीक्षित ने कहा, “दादा साहब फाल्के जैसे सांस्कृतिक प्रतीक और सरकारी नेताओं के नाम का दुरुपयोग भारतीय सिनेमा की गरिमा का अपमान है। इस मामले में न्याय सुनिश्चित किया जाएगा।”