
दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ (DDCA) की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में हुई हाथापाई के बाद भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज और सांसद गौतम गंभीर ने रविवार को बीसीसीआई से DDCA को ‘भंग’ करने का आग्रह किया। गंभीर ने राज्य निकाय के उन अधिकारियों पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की, जो यहां अपनी वार्षिक आम बैठक के दौरान उपद्रव में शामिल थे।
गौतम गंभीर ने कहा कि डीडीसीए हद से बाहर चला गया है और ये शर्मनाक है। देखिए, कैसे मुट्ठी भर बदमाश एक संस्था का मखौल बना रहे हैं। गौतम गंभीर ने बीसीसीआई, सौरव गांगुली और जय शाह से मांग की है कि डीडीसीए को तत्काल खत्म कर दिया जाए। साथ ही इसमें शामिल दोषियों पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया जाए।
DDCA GOES “ALL OUT”…AND DDCA IS ALL OUT FOR A SHAMEFUL DUCK. Look, how handful of crooks are making mockery of an institution. I’d urge @BCCI @SGanguly99 @JayShah to dissolve @delhi_cricket immediately. Surely, sanctions or even a life ban for those involved. pic.twitter.com/yg0Z1kfux9
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) December 29, 2019
DDCA की सालाना बैठक में दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई। भारतीय जनता पार्टी के विधायक ओपी शर्मा भी इस बैठक में शामिल थे जिन्हें इस झड़प में चोट लगी है। इस पूरी मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि कुछ लोग धक्का-मुक्की कर रहे हैं। इसके बाद दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर जमकर घूंसे चलाना शुरू कर दिया। हालांकि दोनों गुटों में कौन लोग शामिल रहे, इसकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।
एक सूत्र ने कहा कि एजीएम को महासचिव विनोद तिहारा के समर्थकों ने बाधित किया था। विनोद तिहाड़ा के समर्थकों ने विधायक ओमप्रकाश शर्मा के साथ भी हाथापाई की और उपस्थिति रजिस्टर को छीन लिया गया। सत्तारूढ़ गुट के संयुक्त सचिव राजन मनचंदा पर विरोधी गुट के मकसूद आलम ने तमाचा भी जड़ा।
डीडीसीए की बैठक के पांच एजेंडा थे- वार्षिक खातों को पारित कराना, लेखा परीक्षकों की नियुक्ति, जिन निदेशकों का कार्यकाल खत्म हो रहा है उनकी पुन: नियुक्ति, नए नियमों को स्वीकार करना और लोकपाल की नियुक्ति। डीडीसीए ने जस्टिस (सेवानिवृत्त) दीपक वर्मा को दुर्रेज़ अहमद बदर की जगह अपना नया लोकपाल नियुक्त किया। वहीं नए अध्यक्ष पद के लिए चुनाव 13 जनवरी को कराने का फैसला लिया गया।