गौशालाओं में नहीं हो पा रही गोवंशो की देखरख, 3 गोवंशो के मौत

उचौलिया खीरी।

पसगवां ब्लॉक के अंतर्गत स्थित गौशालाओं में पशुओं के स्थित बहुत ही दयनीय है।  इस भीषण शीत लहर में पशुओं के बचाव के लिए व्यापक इंतजाम नहीं है। गौशाला में बंधे पशुओं को देखकर यह आभास होता है कि उनकी आंखें किसी तारणहार को निहार रही है। कस्बे उचौलिया से लगभग 8 किलोमीटर दूर विकासखंड पसगॖॅवा के अंतर्गत ग्राम पंचायत कसरावल में स्थित गौशाला में पहुंचने पर गौशाला के संचालक राजू कुशवाहा से मिली जानकारी के अनुसार गौशाला में कुल 200 गो वंशी है जिन की देखभाल के लिए 4 लोगों का स्टाफ है। गौशाला के प्रत्येक कर्मी को ₹6000 मानदेय आता है| गौशाला के नाम पर 25 एकड़ भूमि है। 12 एकड़ में जानवरों के लिए बरसीम की जाती है| गौशाला के संचालक ने बताया है कि शासन की ओर से प्रति गोवंश ₹30 आता है जो कुल मिलाकर 180000 महीना हुआ फिर भी यह ना काफी है। उन्होंने बताया है कि पशुओं के खाने के लिए रोजाना 12 कुंतल गन्ना आता है। लेकिन पशुओं को देखने से ऐसा लगता है कि उनके खाने-पीने का पर्याप्त चारा उन्हें नहीं मिल रहा है बहुत से गाय बैल बछड़े काफी कमजोर स्थिति में है।

ठंड में खुली जमीन में बैठने के लिए ना ही कहीं पुआल का इंतजाम है। सर्दी के मौसम में ठंड से बचाव के लिए पशुपालन विभाग की गाइडलाइन को अनदेखा किया जा रहा है। इस समय क्षेत्र में शीतलहर जारी है, शीत लहर के प्रकोप से पशुओं को बचाने के लिए पशुपालन विभाग ने समस्त गौशाला संचालकों को निर्देश भी दिए है लेकिन कोई भी व्यवस्था इन गौशालाओं में देखने को नहीं मिलती। वही दूसरी ओर इब्राहिमपुर के गौशाला संचालक शहीद ने बताया कि गौशाला में 150 गोवंश हैं इनकी देखभाल के लिए 4 लोगों का स्टाफ है पशुओं के चारे के लिए ₹30 प्रति गोवंश शासन की ओर से आता है जो उन्होंने नाकाफी बताया। 

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