
ड्रग्स और अपराध पर नकेल कसने में नाकाम सांवत सरकार
गोवा की संस्कृति को गर्त में धकेल रही है सांवत सरकार
बाल शोषण के मामलों में गोवा हुआ बदनाम
गोवा के शांत समुद्र तट, रेव पार्टियों, ड्रग्स तस्करी और नशे के सौदागरों के लिए सुरक्षित बाजार बनते जा रहे है। एक समय था जब गोवा को शांत और मनोरम समुद्र तटों के लिए जाना जाता था। मगर आज अधिकांश समुद्र तटों पर ड्रग्स के दलाल और माफियाओं का कब्जा है। ड्रग्स माफियाओं के निशाने पर ज्यादातर महिलाएं और नवयुवक है। बीते दिनों दक्षिण गोवा के वास्को स्थित बिट्स पिलानी के कैंपस में कुशाग्र जैन नामक छात्र अपने कमरे में मृत पाया गया। देश के जाने माने इंजीनियरिंग संस्थान के परिसर तक ड्रग्स माफिया का आसान पहुंच कैसे संभव हुई। कुशाग्र जैन की मृत्यु इसकी एक बानगी भर है। इससे पहले इसी परिसर में ऋषि नायर(2024) प्रियन सिंह( 2024) और अथर्व देसाई (2025) भी संदिग्ध परिस्थिति में मृत पाए गए थे। मुख्यमंत्री प्रमोद सांवत ने स्वयं इस को कहा कि पुलिस अधिकारियों ने ऋषि नायर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शरीर में ड्रग्स के अंश पाए जाने की बात कही है। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि गोवा में नशे का कारोबार कहां तक फैल चुका है जो कॉलेज के छात्रों और पेशेवरों को भी अपनी गिरफ्त में ले रहा है।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) 2022 की रिपोर्ट बताती हैं कि गोवा में 18 साल से कम आयु की नाबालिक बच्चियों के खिलाफ बलात्कार के मामले देश में सबसे ज्यादा दर्ज किए गए। गोवा पुलिस का कार्य प्रणाली को इस बात से समझा जा सकता हैं कि 480 बलात्कार के मामलों में केवल 5 में ही दोष सिद्धि हो पाई। इतना ही नहीं विधानसभा में जब विपक्ष ने बच्चों, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ भड़ते अपराधों पर चिंता जताई तो भी मुख्यमंत्री प्रमोद सांवत के कानों पर जूं नहीं रेंगी। विपक्ष ने आरोप लगाया कि पुलिस की नाकामी की वजह से अपराधियों को केवल 10 प्रतिशत मामलों में ही सजा मिल पा रही है। मुख्यमंत्री के पास चूंकि गृह विभाग भी है लिहाजा कानून व्यवस्था की चौकसी की सीधे जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर है।मगर अपने कमजोर कंधों पर मुख्यमंत्री गोवा के शांतिप्रिय लोगों का बोझ नहीं उठा पा रहे है।

लचर कानून व्यवस्था पर विपक्ष से घिरे प्रमोद सांवत ने गोवा में अपराध के लिए बिहार और यूपी से आना वाले मजदूरों को जिम्मेदार बताया। उनके इस बयान पर जब हंगामा हुआ तो अपने बयान पर खेद जताते हुए उन्होंने माफी मांग ली। जून 2025 में दो सगी नाबालिक बहनों और उनकी एक सहेली के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले ने सारे देश को झकझोर कर रख दिया था। जन्मदिन पार्टी के बहाने तीनों बच्चियों को उत्तरी गोवा के एक होटल में बुलाया गया था। मुख्यमंत्री ने इस गंभीर मामले को रफा-दफा करते हुए कहा कि घरवालों को भी देखना चाहिए कि उनकी बच्चियां रात में कहा जा रही है। मुख्यमंत्री प्रमोद सांवत जहां आराम की नींद ले रहे है तो दूसरी तरफ पुलिस के बड़े अधिकारियों को डिस्को, पब और कसीनों में घूमते हुए देखा जा सकता है। पुलिस के उच्चाधिकारियों सहित सरकार भी गोवा पुलिस के आधुनिकरण और स्मार्ट पुलिसिंग व्यवस्था से मुंह मोड़े खड़ी है। कानून व्यवस्था की स्थिति दिन-प्रति-दिन जैसे जैसे खराब होती जा रही है उससे लगता हैं कि राज्य में अराजक तत्वों का भारी जमावाड़ा लग चुका है।
साल 2022 में हरियाणा भाजपा की नेत्री सोनाली फोगाट की उत्तरी गोवा के अंजुना समुद्र तट पर स्थित कर्लीज रेस्तरां में ड्रग्स दिए जाने से मौत हो गई थी। गोवा के डिस्कोथेक, पब नाइट बार, होटल्स और रेस्तरां में देशी विदेशी पर्यटकों को खुलेआम ड्रग्स उपलब्ध हो रही है। हाल ही में गोवा एंटी नारकोटिक्स सेल ने वागाटोर इलाके में छापा मार कर जर्मन ने एक नागरिक सेबेस्टियन हेसलर के पास से करीब 24 करोड़ रुपये की ड्रग्स बरामद की थी। गोवा में पुलिस और सरकार की नाक के नीचे नशा तस्कर खुलेआम धंधा कर रहे है। मगर सरकार उन पर लगाम लगाने में नाकाम है। पंजाब में नशे की गिरफ्त में आए युवाओं को लेकर बॉलीवुड मूवी बनी थी उड़ता पंजाब। गोवा में नशे का फैलता कारोबार गोवा को समुद्र में डूबा रहा है। गोवा पुलिस की एंटी नारकोटिक्स सेल ने साल 2024 में 6 करोड़ 75 लाख रुपये की 85 किलोग्राम सामग्री बरामद की। साथ ही 12 लाख रुपये की जीएचबी ड्रग्स की भी बरामदगी हुई। नशे के साथ ही राज्य में बच्चों और महिलाओं के प्रति अपराध का ग्राफ भी लगातार बढ़ता जा रहा है। बीत छह महिनों के दौरान राज्य में हत्या के 11 मामले दर्ज किए गए जबकि साल 2024 में केवल 13 मामले ही दर्ज हुए थे। राज्य की प्रमोद सांवत सरकार में कानून व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से चरमराई हुई है। इसका अंदाजा इस आंकड़े से लगाया जा सकता हैं कि जनवरी 2019 से जून 2024 के बीच 2263 मामलों में न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया मगर दोश सिद्धि केवल 53 मामलों में ही हो पाई न्यायालयों में लचर पैरवी के चलते अपराधियों और माफियाओं के हौसले बुलेंदी पर है। इतना ही नहीं 696 मामलों में आरोप पत्र तक लंबित है। राज्य पुलिस विभाग में 12 प्रतिशत पद लंबित है जिन पर कर्मचारियों और अधिकारियों की नियुक्ति होनी है।
एक जमाना था जब देश में गोवा को सबसे सुरक्षित और शांत प्रदेश माना जाता था। मगर आज गोवा में कानून व्यवस्था की स्थिति चरमरा चुकी है। राज्य में साइबर अपराध, नशा, हत्याएं, बलात्कार और आर्थिक अपराधों पर मुख्यमंत्री प्रमोद सांवत लगाम लगाने में असफल रहे है। राज्य में नाबालिकों के साथ बलात्कार के मामले देश में सर्वाधिक संख्या में दर्ज हो रहे है। नौकरी के नाम पर ठगी, डिजिटल धोखाधड़ी, जालसाजी, साइबर क्राइम और धोखाधड़ी के मामले 2020 में 153 दर्ज किए गए थे जबकि साल 2022 में 260 मामलों को गावा के विभिन्न थानों में दर्ज किया गया है। विश्लेषकों का कहना हैं कि साल 2019 से 2024 के बीच गोवा में अपराध, नशा, साइबर क्राइम और ड्रग्स तस्करी के मामलों में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी हुई है।
प्रमोद सांवत सरकार ने राजस्व एकत्र करने के लिए गोवा की संस्कृति को गर्त में धकेल दिया। समुद्र तट पर 500 डॉलर का टैक्स चुका कर रेव पार्टियों की अनुमति उनकी सरकार दे रही है। इन रेव पार्टियों में अवैध ड्रग्स का कारोबार फलफूल रहा है। गोवा के एयर पोर्ट पर चार्टर्ज प्लेन उतर रहे है और भ्रष्ट पुलिस सब कुछ अपनी खुली आंखों से देख रही है। आज शांतिप्रिय और सुंदर गोवा थाईलैंड वियतनाम और कंबोडिया से भी ज्यादा बदनाम हो चुका है। छोटी-छोटी बच्चियों को रेव पार्टियों में विदेशियों के सामने परोस कर घिनौना काम किया जा रहा है। पिछले दिनों बीबीसी के पत्रकार एलन पुरी ने इसका खुलासा किया उनकी रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि मापुसा समुद्र तट पर दलाल छोटी बच्चियों की पार्टियों में सप्लाई कर रहे हैं। पुलिस ऐसे मामलों में मोटी रकम लेकर मामले को रफा-दफा कर देती है। गोवा सरकार ने डॉलर के लालच में पूरी संस्कृति का बेड़ा गर्क कर दिया। कालंगुटा समुद्र तट पर मीलों तक अवैध मसाज पॉर्लर का जाल फैला हुआ है जहां कई तरह की अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है। बीते तीन साल के भीतर गोवा में रूस से आने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। रूसी लोगों ने यहां अपने पर्सनल बंग्ले भी बना रखे है। रूस के पर्यटकों की बड़ी संख्या में गोवा में रूचि के पीछे स्थानिय खूफिया इकाई भी अनभिज्ञ है। मगर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का कहना हैं कि गोवा में रूस के पर्यटक ड्रग्स का कार्टेल चला रहे है। 2023 में एनसीबी ने दो रूसी नागरिकों को अवैध मादक पदार्थों के साथ पकड़ा था। यह दोनों विदेशी सैलानियों को ड्रग्स बेचते पकडे गए थे।
बीते दिनों प्रवर्तन निदेशालय ने एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्कर तारिरो मंगवाना को गिरफ्तार किया था। जो गोवा से ड्रग्स का नेटवर्क संचालित कर रहा था। गोवा पुलिस की क्राइम ब्रांच ने भी उसके पास से 4.30 किलोग्राम कोकीन बरामद की थी। गोवा में ड्रग्स के धंधे से जुड़े एजेंट और फेसीलिटेटर्स बेखौफ होकर वहां से अपना नेटवर्क संचालित कर रहे हैं। गोवा में नशे के कारोबारियों के हौसले कितने बुलंद है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता हैं कि पिछले दिनों कोलवाले में स्थित सेंट्रल जेल नें भी तस्करों ने ड्रग्स पहुंचा दिया। अति सुरक्षित समझी जाने वाली जेल में 7 ड्रग्स बॉल्स पहुंचा कर पुलिस को चकमा दे दिया। हालांकि जेल प्रशासन ने सभी बॉल्स को कैदियों के हाथ में जाने से पूर्व ही बरामद कर लिया। प्रमोद सांवत सरकार में सब और लाचारी पसरी हुई है। पुलिस प्रशासन बेलगाम है और सरकार अपनी नाकामी के छिपाने के लिए बार-बार बयान बदलती है।