अक्षय तृतीया पर करीब 15 हजार करोड़ के सोने के आभूषणों का हुआ व्यापार

लॉकडाउन के बाद आज अक्षय तृतीया पर हुआ आभूषण बाजार गुलजार

झांसी। पिछले दो वर्ष कोरोना संकट के कारण हुए लॉकडाउन के बाद आज अक्षया तृतीया पर देश भर के सराफा बाजार में काफी गहमा गहमी दिखाई दी, जिसके कारण इस बार सर्राफा कारोबारियों ने बड़ा व्यापार किया और अक्षय तृतीया पर ग्राहकों को लुभाने के लिए ज्वैलर्स ने हल्के जेवरों की अच्छी रेंज का व्यापार किया। यह बताते हुए कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय मंत्री एवं उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष संजय पटवारी कहा कि दो वर्ष के अंतराल के बाद आज देश भर में सोने चांदी का लगभग 15 हजार करोड़ का व्यापार हुआ। अक्षय तृतीया को भारत में बहुत शुभ दिन माना जाता है और इस दिन सोना-चांदी खरीदने से घर एवं व्यापार में बरक्कत होती है। ऐसी मान्यता है और इसलिए ही यह दिन सोने-चांदी के व्यापार के लिए भी बहुत शुभ माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान शिव ने कुबेर को खजाना व माता लक्ष्मी को धन की देवी होने का आशीर्वाद दिया था।

व्यापारी नेता ने बताया कि तीन वर्ष पहले 2019 में अक्षय तृतीया के मौके पर सोने और चांदी के भाव में ज्यादा अंतर नहीं था। सोना तब 32,700 रुपये प्रति 10 ग्राम तो चांदी 38,350 रुपये प्रति किलो थी। वहीं, इस वर्ष अक्षय तृतीया के पांच दिन पहले सोना 53 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तो चांदी 66,600 रुपये प्रति किलो के आस-पास ही रहने का अनुमान है। वर्ष 2020 और 2021 में कोरोना संकट के चलते अक्षय तृतीया पर देश भर के सराफा दुकानें नहीं खुल सकीं थीं।

कैट के जिला अध्यक्ष कुलदीप सिंह दांगी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय पटल पर 2021 की प्रथम तिमाही में गोल्ड बार और सिक्के के रूप में भारत मे 39.3 टन सोने का आयात किया गया जबकि 2022 की प्रथम तिमाही में यह बढ़ कर 41.3 टन पहुँच गया वहीं गोल्ड ज्वैलरी के रूप में 2021 के प्रथम तिमाही में आयात 126.5 टन था, जो कि 2022 की प्रथम तिमाही में 94.2 टन ही रहा जो कि निवेशकों के गोल्डबार और सिक्के के रूप में लोगों की निवेश की बढ़ती प्रवत्ति को प्रदर्शित करता है।

पटवारी एवं कुलदीप ने यह भी बताया कि 2019 में देशभर में सिर्फ अक्षय तृतीया पर ही लगभग 10 हजार करोड़ रुपये के सोने की बिक्री की गई थी, लेकिन 2020 में अक्षय तृतीया पर मई माह में लॉकडाउन होने के कारण सोने की बिक्री शगुन के रूप में महज 5 फीसदी यानी करीब 500 करोड़ के आसपास ही हुई थी। लगातार दो साल लॉकडाउन में अक्षय तृतीया का त्योहार आने के बावजूद भी देश के ज्वेलरी व्यापार की कमर ही टूट गई है, किन्तु अबकि 2022 में देश कोरोना महामारी से उबर चुका है और आज देश भर के स्वर्ण बाजारों में ग्राहकों में बहुत उत्साह देखा गया।

आज बड़ी मात्रा में देशभर में बहुत से लोगों ने अभी से जेवरों की बुकिंग भी की गई जिसकी डिलीवरी आगामी दो-तीन दिनों में होगी।

कैट की वैदिक कमेटी के अध्यक्ष एवं देश के प्रमुख ज्योतिषी श्री आचार्य दुर्गेश तारे ने बताया की भारतीय ज्योतिष गणना के अनुसार इस बार पांच ग्रहों के साथ पांच महायोग की शुभ स्थिति बनी है। इसमें केदार, शुभ कर्तरी, उभयचरी, विमल व सुमुख शामिल हैं। तिथि व नक्षत्र का संयोग 24 घंटे होने के कारण से खरीदारी, निवेश आदि के लिए पूरा दिन शुभ रहेगा। इस तरह का दुर्लभ संयोग अगले सौ वर्षों तक नहीं बनेगा। ज्योतिष गणना के अनुसार आज मंगलवार को तृतीया तिथि होने से सिद्धि योग भी बना और इस योग में किए गए हर काम में सफलता मिलना तय होता है।

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