गोंडा। विकासखंड इटियाथोक के चतुर्भुजी नाथ मंदिर ग्राम महादेवा कला जयप्रभा ग्राम में आयोजित श्री शिव महापुराण कथा के चौथे दिन कथा व्यास पूर्व सांसद डॉ रामविलास वेदांती ने व्यास पीठ से काशी ज्ञानवापी मंदिर में पूजन के आदेश पर काशी के हाईकोर्ट को धन्यवाद दिया। और कहा कि प्रभु राम लला अपने दिव्य भवन में विराजमान हो गए जल्द ही काशी व मथुरा में अपने महल में विराजमान होगे यह विश्वास है । हम सभी को करोड़ो शिव भक्त बहुत ही हर्षित है । शिव पुराण कथा की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि शिव पुराण की कथा श्रवण से साधक को शिवलोक में स्थान प्राप्त होता है शिव पुराण में
ऐसा कहा गया है कि, शिव पुराण को महज सुनने मात्र से ही व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं
रामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास जी ने कहा जिन्हें ष्अशिव वेषधारीष् और ष्नाना वाहन नाना भेषष् वाले गणों का अधिपति कहा है, वे शिव जन.सुलभ तथा आडम्बर विहीन वेष को ही धारण करने वाले हैं। वे ष्नीलकंठष् कहलाते हैं। क्योंकि समुद्र मंथन के समय जब देवगण एवं असुरगण अद्भुत और बहुमूल्य रत्नों को हस्तगत करने के लिए मरे जा रहे थे, तब कालकूट विष के बाहर निकलने से सभी पीछे हट गए। उसे ग्रहण करने के लिए कोई तैयार नहीं हुआ। तब शिव ने ही उस महाविनाशक विष को अपने कंठ में धारण कर लिया।
तभी से शिव नीलकंठ कहलाए। क्योंकि विष के प्रभाव से उनका कंठ नीला पड़ गया था।ऐसे परोपकारी और अपरिग्रही शिव का चरित्र वर्णित करने के लिए ही इस पुराण की रचना की गई है। यह पुराण पूर्णतरू भक्ति ग्रन्थ है द्य इस पुराण में कलियुग के पापकर्म से ग्रसित व्यक्ति को ष्मुक्तिष् के लिए शिव.भक्ति का मार्ग सुझाया गया है। कथा के दौरान वृज मोहन मिश्रा, संतोष शुक्ल, अवनीश शुक्ल, माधव राज मिश्रा मोहन लाल पाल, शेष राज तिवारी, चंद्रभान चतुर्वेदी, राम शब्द दुबे, सौरभ तिवारी, सहित सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे।