गोंडा: पुलिस हिरासत में हुई मौत मामलेे में आरोपी इंस्पेक्टर अरेस्ट स्टे के लिए न्यायालय पहुंचे

गोंडा। पुलिस हिरासत में 14 सितंबर को हुई देव नारायण उर्फ देवा की मौत ने पुलिस का ऐसा चेहरा दिखाया जिससे पुलिस विभाग की साख पर बट्टा लगा दिया। थाना ध्यक्ष नबाबगंज तेज प्रताप सिह व एसओजी प्रभारी अमित यादव व सिपाही मनोज, धर्मेद्र , मिथलेश पर हत्या का मुकदमा नबाबगंज थाने मे दर्ज हुआ तभी से ये आरोपी फरार चल रहे है।

इनमें से कोतवाल तेज प्रतापसिह ने उच्च न्यायालय में गिरफतारी से बचने के लिए याचिका दायर की है जिसकी सुनवाई 26 सितंबर को न्यायमूर्ति राजन राय व न्यायमूर्ति संजय कुमार पचैरी करेंगे। वहीं मृतक के परिजनों को प्रशासन से मिला आरोपियों की 24 घंटे में गिरफतारी का आश्वासन कोरा साबित हुआ।

एसओजी प्रभारी व पुलिस जन पकड से दूर

नबाबगंज थाना क्षेत्र के सात -आठ को गांव जैतपुर माझा में झोलाछाप डाॅक्टर राजेश कुमार की गलारेत कर हत्या कर दी गयी जिसका हत्या का मुकदमा अज्ञात के नाम दर्ज किया गया। इसी केस को खोलने के लिए थाने के सिपाही मनोज ,धर्मेंद, मिथलेश सिंह दवारा 14 सितंबर को बार -बार फोन करके देवनरायण को थाने बुलाया और बताया कि थानाध्यक्ष को पूंछतांछ करनी है। इसके बाद अपने पिता राम बचन व प्रधान के साथ वह थाने पहुंचा और एसओजी की स्वाट टीम देवनारायण को लेकर थाने से चली आयी।

इसके बाद पुलिस का कौन सा ऐसा कृत्य किया कि उसकी हृदय गति रूक गयी। उसे जिला अस्पताल में सायं काल ले गये जहां से प्रशासन की नींद टूटी और रात में पुलिस ने पीएम कराने के लिए डीएम आवास पर पत्र दिया, इसके बाद रात दो बजे लिखापढी हो पायी, सुबह पांच बजे चार डाॅक्टरों की टीम ने पीएम कर दिया तो छह बचे तीन सीओ के साथ शव को एबुलेंस से मृतक के गांव रवाना कर दिया गया।

गांव पहुंचने पर ग्रामीणों का पुलिस के प्रति गुस्से का आक्रोश फूट पडा और पहले शव ले जाने वाल एबुंलेस को पलटा, बाद में पुलिस की गाडियां पटल दी। इसके बाद पेटृोलपंप के पास ईंट लादकर खडी टृालियां से अदघा लेकर फेेंकना शुरू किया तो पुलिस जनों को जान बचाने के लिए भागना पडा। कारण पुलिस जन बगैर बाडी प्रोटेक्टर व हेलमेट के मौके पर पहुंचे थे जो किसी भी हालत में ग्रामीणों के सामने टिक नहीं पाते।

इसके बाद पुलिस जनों पर हत्या का मुकदमा लिखा गया, कोतवाल तेज प्रताप सिह व एसओजी प्रभारीअमित यादव को निलंबित कर दिया गया। इस आक्रोश के कारण पुलिस विभाग की साख पर बट्टा लगा जिसने पुलिस अधिकारियों के दिल को झकझोर दिया। एसपी आकाश तोमर ने हर बिंदु का बारीकी से जांच पडताल की जिसमें दो कर्मचारियों का कृत्य गंभीर प्रकृति का प्रतीत हुआ, इन दोनो पुलिस जनों की बर्खास्तगी की तैयारी की जा रही है।

रविवार को एसपी तोमर ने स्वाटटीम के दीवान राकेश सिह, अरूण यादव, आरक्षी आत्दिय पाल, अमित पाठक को निलंबित कर दिया। इससे समूची स्वाट टीम मैदान से आउट हो गयी है।उधर सर्विंलास सेल के दारोगा आलोक व थाना नबाबगंज के मिथिलेश सिह हेड कांसटेबिल सिपाही धर्मेद्र व मनोज को भी कप्तान ने निलंबित कर दिया लेकिन आरोपी पुलिस कोतवाल, दारोगा व सिपाहीजनों की गिरफतारी नहीं हो पायी।

घटना को नौ दिन बीत गये लेकिन पुलिस के हाथ खाली रहे हैं। अब कोतवाल सिंह उच्च न्यायालय लखनउ के यहां अरेस्ट स्टे की अर्जी दी है जिस पर माननीय न्यायाधीश 26 सितंबर को सुनवाई करेंगे। यह मामला विधान सभा में सपा मुखिया विधान सभा में गोंडा की पुलिस हिरासत मौत को उठा चुके है जिससे ये समूचे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसके बाद एसपी आकाश तोेमर ने थानों में तीन साल से जमे सिपाहियों को हटा दिया है और थानों की गंदगी दूर करने का प्रयास कर रहे हैं।

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