गोंडा। प्रदेश के पांच जिलों में गोंडा का नाम सुमार है जहां पर लोक सभा में वोट प्रतिशत बहुत कम रहा और 113 मतदान केंद्रों पर चालीस प्रतिशत से कम वोट बूथ तक पहुंच पाये।कारण वोटरों में दलों के प्रति कोई ब्यार नहीं दिखी और न ही परिजन उन्हें परदेस से बुला पाये। एक लाख मजदूरों को मनरेगा भी नहीं रोक पायी ।अब डीएम नेहा शर्मा स्वीप कार्यक्रम से आम लोगों को जोडते हुए युवाओं की वोट में भागीदारी पर जोर देकर अलग-अलग संगठनो को अभियान में शामिल किया है।
पंचायती राज के ग्राम प्रधान चुनाव में ये एक लाख परदेसियों को परिजन बुला लेते है और एक दूसरे के प्रति स्नेह रखते है लेकिन विधान सभा में दस प्रतिशत परदेसी आ जाते है , वहीं लोक सभा चुनाव में एक लाख परदेसी वोट डालने नहीं आते है। इनकी पूर्ति युवा वोटर ही कर सकता है। मनरेगा की बंदी व तकनीकी झाम से मजदूर पलायन को मजबूर हैं।
इतना ही नहीं विधान सभा चुनाव में 113 मतदान केंद्रों पर चालीस फीसद से कम मतदान हुआ। इनमें नौवागांव 33 प्रतिशत , बडगांव 16 प्रतिशत , मनकापुर आइटीआइ में 17 प्रतिशत , गौरा कें बदौलीपुर में 35 प्रतिशत, कटराबाजार के प्रतिसा भोंका 34 प्रतिशत , कर्नलगंज के डेहरास खास में 43 व तरबगंज के बहादुरपुर माझा में 28 प्रतिशत मतदान हुआ। डीएम नेहा शर्मा ने मतदान के लिए इन गांवों में वोट चौपाल किया और अब स्वीप कार्यक्रम के जरिये युवाओं, व्यापारियों, मेडिकल स्टोर संचालकों, राजकीय व निजी इंटर कालेज का सहयोग लिया जा रहा है।डिग्री एलबीएस व अन्य कालेज में मेंहदी, रंगोली व अन्य प्रतियोगितायें मतदान में प्रतिषत बढाने के कार्यक्रम चल रहे हैं।
मजदूरों का लोस चुनाव में मुद्द नहीं
कहते है, कि मजदूरों का अपना कोई देष नहीं होता, यहीं हाल जिले के मजदूरों का है, पंजीकृत मजदूर या पंजीकृत मजदूर चुनाव में उत्साहित नहीं दिखते, कारण इनके लिए घोशणा पत्र में स्थान नहीं दिखता।जिला निर्वाचन अधिकारी नेहा षर्मा का कहना है, कि स्वीप कार्यक्रम को लेकर लोगों में उत्साह दिख रहा है, और उम्मीद जतायी जा रही है।यह अभियान 15 मई तक चलेगा, अगर किसी का वोट नहीं है तो अपने बीएलओ से मिल नाम वोटर लिस्ट मे बढवा सकते हैं।