गोंडा , नये साल में गौ वंशों को रहने व खाने के लिए ग्राम पंचायतों में पूल की व्यवस्था लागू की जाएगी। इसमें कुछ पचायतो को मिलाकर एक पंचायत को गौ आश्रयकेद्र के लिए पूल बनाया गया है जहां पर अन्य पंचायतों के राज्य वित्त का पैसा टृांसफर हो जाएगा। इससे गौ आश्रय केंद्र को आर्थिक तंगी से मुक्ति मिल सकेगी। इस आशय का आदेश डीएम डा उज्जवल कुमार ने जारी कर दिया है।
साथ ही समूचे जिले में 27 नोडल अधिकारी तैनात किये गये हैं। पांच लाख किसानों को छुट्टा जानवरों से मुक्ति दिलाने के लिए किसी ब्लाॅक में ज्यादा तो किसी में गौ आश्रय केंद्र की संख्या कम है। इससे ये गौ आश्रय फुल हो गये और इनकी आर्थिक व्यवस्था चरमरा गयी। इसे देखते हुए डीएम डा उज्जवल कुमार ने गौ आश्रय केंद्रों पर आर्थिक व्यवस्था चुस्त दुरूस्त करने के लिए पंचायतों की पूल सिस्टम लागू कर दिया।
अब निराश्रित गौ वंशों को मिलेगा आदर भाव , अन्य पंचायतों से मिलेगा पूल को बजट
विकास खंड झंझरी नरायनपुर वली से छह गांव छोड गया है। चकसड, बहलोलपुर, खोरहंसा, बिरवा बभनी, काजीदेवर, हारीपुर से गांवों को जोडा गया है।यहां पर एसडीएम सदर नोडल बनायें गये हैं। पडरीकृपाल में बेसियाचैन, कपिसा, खरहटिया,उकरा, परसासोहसा, खंभहरिया हरि वंश, भदवा सोमवशी, रमवापुर श्याम को पूल बनाया गया है।यहां पर नोडल जिला समाल कल्याण अधिकारी हैं। इटियाथोक में नरौरा अर्जुनपुर , अर्जुनपुर, विशुनपुर माफी,विशुनुपर संगम, बेनीपुर, रानीपुर ,कंचनपुर पोल बने हैं।सहायक अभियंता लधु सिंचाइ नोडल है। मुजेहना में तेंदुआ मोहनी, कोल्हुआ, बनकटी सूर्यबली सिह, रूद्रगढनौसी, महेश भारी, बसहुपुर, पूरेनवल पहडवा, त्रिलोकपुर, परसिया पंडित, खौदी, मूसापुर, दुर्जनुपुर, पोल बनाया गया है। यहां पर भूमि संरक्षण अधिकारी, सहायक श्रमायुक्त, सहायक आयुक्त निंबधक नोडल बनाये गये हैं। रूपईडीह में हरचंदपुर, पचरन, कांन्हा गौशाला, कोचवा, रूपईडीह, फरेंदा शुक्ल, तिरेमनोरमा, सिंसईजंगल, पूल बने है।
यहां पर तहसीलदार सदर नोडल अधिकारी है। तरबगंज में विशुनपुर , सेझिया, सिंगहाचंदा, खजुरी, जमथा, चंदीपुर को पूल बनाया गया है।मत्स्य अधिकारी नोडल बने है। बेलसर में बदलेपुर, गंगरौली, उमरीबेगमगंज, बरौली, लिलोईकला, आदमपुर जफरापुर, डिक्सिर, लौव्वाटेपरा, सेमरीकला, ताराडीह, पूरेडाल, अकौनी को पूल बनाये गये है, डीपीआरओ नोडल हैं। नबाबगंज में शाहपुर , रामापुर, महादेवा, लौव्वावीरपुर, लोलपुर, बहादुरा, उमरिया पूल बनाये गये, यहां पर तहसीलदार तरबगंज नोडल हैं। वजीरगंज में गेडसर, करौंदा, नगवा, चंदहा पूल और दिव्यांगजन अधिकारी नोडल बने हैं।
कर्नलगंज में दिनारी, गुरूवालिया,पाल्हापुर, पेरौरी, उल्लहा, अहिरौरा पूल बने है।परसपुर में बेलत्थर, कडरू, चंगेरी, चरौहा, डेहरास, खरगूपुर, नरायनपुर मर्दन, मरचैर, सालपुर पाठक पूल में शाामिल हैं। डीआइओएस नोडल हैं। सीडीओ गौरव कुमार ने बताया कि डीएम के आदेश के क्रम में नयी व्यवस्था को लागू कराया जा रहा है जिससे गौ आश्रयकेंद्र संचालन में आ रही वित्तीय समस्या खत्म हो सके। इसके लिए सभी को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गयी है।