गोंडा: स्मारिका विमोचन के साथ, पदाधिकारियों का शपथ ग्रहण संपन्न

गोंडा। श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के तत्वाधान में एक दिवसीय पत्रकारों का सम्मेलन संगठन के अध्यक्ष कैलाश नाथ वर्मा और महामंत्री महेंद्र तिवारी की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ अपर आयुक्त कमलेश चंद्र बाजपेई तथा नगर मजिस्ट्रेट ने सरस्वती जी के चित्र पर माल्या अर्पण और दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। जिसमें तमाम मूर्धन्य विद्वानों ने गोष्ठी में अपने विचार व्यक्त किये। इसके बाद संगठन की पत्रिका यादगार 2024 का विमोचन किया गया।

मुख्य अतिथि मंडलायुक्त के प्रतिनिधि अपर आयुक्त कमलेश चंद बाजपेई ने कहा कि पत्रकार जनहितैषी खबरों को प्राथमिकता दें, इससे समाज को समाचार पत्र का बहुत लाभ मिलेगा। मुख्य वक्ता दैनिक जनमोर्चा की संपादक सुमन गुप्ता ने कहा कि डिजिटल क्रांति के इस युग में सोशल मीडिया मिसाइल की तरह है। कब कहां विस्फोट कर दे। कोई पता नहीं है।

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया हमें एक छोटी सी जानकारी उपलब्ध करा देती है। उसके बाद पत्रकारों की यह जिम्मेदारी बनती है, कि उस खबर की पुष्टि करें। इसमें प्रशासन और पीड़ित दोनों पक्ष का वर्जन होना चाहिए। कहां कि टूल्स माध्यम हो सकता है। लेकिन पत्रकारिता नहीं है। आगे कहां कि आज के दौर में हमें यह देखने को मिल रहा है। कि एक जैसी खबरें लगभग अखबारों में छप जाती है।

पहले ऐसा नहीं होता था। यह एजेंडा कौन चला रहा है। इस पर हमें विचार करना होगा। इसी क्रम में नगर मजिस्ट्रेट विजय शर्मा ने कहा कि पत्रकार समाज का एक सजग पहरी होने के नाते उसकी यह जिम्मेदारी बनती है। वह जो भी कुछ लिख रहा है। वह सत्य से परे ना हो। वरिष्ठ पत्रकार तेज प्रताप सिंह व हरि नारायण शुक्ल ने कहा कि पत्रकारिता एक सम्मानित पेशा है।

इसमें पैसा नहीं सम्मान मिलता है। ऐसे में आप जिस भी क्षेत्र मे है। उस क्षेत्र में अगर निष्ठा पूर्वक काम करेंगे। तो इससे आपके मान सम्मान और प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। वरिष्ठ पत्रकार एसपी मिश्रा ने कहा कि पत्रकारों को अपने दायित्व का निर्वहन पूरी जिम्मेदारी के साथ करना चाहिए। कार्यक्रम को रजा हुसैन रिजवी, राजीव रस्तोगी ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन के के श्रीवास्तव ने किया।
श्रमजीवी पत्रकार यूनियन ने कि सभी पदाधिकारी को जन मोर्चा की संपादक सुमन गुप्ता ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। कार्यक्रम में आपदा राहत कोष से मदन मोहन श्रीवास्तव को 11000 रुपए की सहायता राशि दी गई।

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