जयप्रभा ग्राम, गोंडा। सरकारी अस्पतालों में मरीजों के साथ.साथ तीमारदारों को भोजन व नाश्ता की व्यवस्था सरकार द्वारा किया जा रहा है लेकिन इटियाथोक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती प्रसव पीड़िताओं को न तो दवाएं मिल पा रही हैं ना दो वक्त का भोजन यह हाल तब है,जब सरकार प्रसव पीड़ित महिलाओं की सेहत को लेकर काफी गंभीर हैं जच्चा.बच्चा की सुरक्षा के लिए कई प्रकार की योजनाएं चला रही है। लेकिन अस्पताल में तैनात जिम्मेदार इसको लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। जिससे यहां भर्ती होने वाली प्रसव पीड़ितों के लिए तीमारदार को घर से खाना लाना मजबूरी हो गया है गुरुवार को इटियाथोक सीएचसी का हाल. चाल लिया गया पेश है एक रिपोर्ट
केस-एक
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के जच्चा.बच्चा वार्ड में गुरुवार तीन महिला भर्ती थीं। संझवल गांव निवासी महिला कविता के स्वजन ने बताया कि कविता का सुबह सामान्य प्रसव हुआ है और बच्ची को जन्म दिया है।दोपहर तक अस्पताल से कुछ भी खाने को नहीं दिया था।तीमारदार पुष्पा मिश्रा ने बताया कि जब सीएचसी से जच्चा को कुछ खाने को नहीं मिला तो बाहर होटल से चाय मंगवाई गई। खाना भी , घर से मंगाना पड़ा
केस-दो
प्रसूता बगाही गांव की संगीता के स्वजन ने बताया,कि यहां पर संगीता भर्ती हैं,बच्ची को जन्म दिया है। लेकिन उसे न तो नाश्ता दिया गया और न ही भोजन जिससे उसको घर से भोजन लाना पड़ा सीएचसी पर भर्ती होने वाली प्रसूताओं को कुछ माह पहले टेंडर प्रक्रिया के जरिए भोजन दिए जाने का कार्य किया जा रहा था।लेकिन इस बार टेंडर न होने के कारण यह प्रक्रिया बंद है और कैंटीन में ताला लगा है।जिसके चलते यहां भर्ती होने वाली प्रसूताओं को न तो नाश्ता मिल रहा है और न ही भोजन दिया जा रहा है। सीएचसी अधीक्षक सुनील कुमार पासवान का कहना है, उनकी नियुक्ति अभी जल्दी हुई है,इस विषय में उन्हें कुछ मालूम नहीं है।