गोंडा : आसाराम बापू के आश्रम में मिली बालिका के शव की गुत्थी अनसुलझी रही

गोंडा। गुरूवार की रात में 13 वर्षीय बालिका का शव नगर क्षेत्र के आसाराम बापू के आश्रम में खडी कार की डिग्गी में मिली जिसकी मौत की गुत्थी अनसुलझी रही। कारण पुलिस की पडताल बिसरा रिपोर्ट पर टिक गयी है। दूसरी तरफ बालिका का शव आनन-फानन में शहर से 30 किलोमीटर दूर सरयूनदी किनारे जेसीबी से दफनाया गया जबकि शहर क्षेत्र के शव मुख्यालय से सात किलोमीटर दरू गोडवाघाट पर दफनाये जाते हें। यह सवाल समूचे समाज के लिए है कि पुलिस की शव दफनाने में तेजी और जांच बिसरा पर टिक गयी।

गोंडा से 30 किलोमीटर दूर जेसीबी से शव को पुलिस ने कराया था दफन

महिला सुरक्षा को लेकर शक्ति अभियान पर पुलिस सतर्क व सख्त है लेकिन नगर पुलिस का रवैया बालिका शव की बरामदगी के बाद परिवार जन के प्रति सकारात्मक नहीं रहा। बीते गुरूवार रात को बालिका का शव आशाराम बापू के आश्रम में खडी आल्टोकार की डिग्गी में मिलने की सूचना पुलिस को मिली , मौके पर एसपी, कोतवाल समेते पुलिस पहुंची और शव पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया, भोर में पुलिस मृतक खुशी पांडेय के घर पहुंची और घटना की सूचना उसके मां को दी।

मृतका की मां गीता व भाई मनीष आश्रम पहुंचे तो शव नहीं था। सुबह छह बजे परिजन पीएम हाउस पहुंचे तो बालिका का शिनाख्त किया जहां पर बालिका के कान बाली व नाक में कील नहीं थी। कपडे व पैर में निशान से पहचान की। दो बजे शव को पुलिस लेकर 30 किलामीटर दूर सरयू नदी पहंची जहां पर जेसीबी व कर्नलगंज पुलिस दफनाने के लिए तैयार थी। करीब चार बजे शव को दफना दिया गया।

हाथरस जैसी बालिका का शव यहां परिजनों से रखा दूर

पीडिता ने पहले गुमशुदगी की सूचना छह अप्रैल को दी और सात अप्रैल को ं जमीन विवाद में आरोपितों पर अपहरण का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। पुलिस ने जमीन विवाद से जुडे लोगों को बुलाकर पूंछताछ की और परिजनोेेेेे को कोतवाली बुलाकर पूंछतांछ की। दोनों पक्षों को बाद में छोड दिया।

उधर पैनल की डाकटरी में मृत्यु को कारण अस्पष्ट रहा तो बिसरा जांच के लिए भेज दिया गया। एक सप्ताह बाद बालिका की मौत की गुत्थी नहीं सुलझ पाई। बालिका का भाई आशीष पांडेय छात्र है ओर उसका आरोप है कि बालिका की मौत के लिए पुलिस ने उसे धमकाया और थर्ड डिग्री का प्रयोग किया। उसने आशंका व्यक्त की है कि पुलिस परिजनों को जेल भेजना चाहती है।

इस बारे में कोतवाल पंकज सिह का कहना है कि किसी का उत्पीडन नहीं किया गया है। पूंछताछ के बाद दोनों पक्षों को उनके घर भेज दिया गया था। डीआइजी उपेंद्र अग्रवाल का कहना है कि पीएम रिपोर्ट में मौत का कारण अस्पष्ट है तो बिसरा रिपोर्ट का पुलिस इंतजार कर रही है। पुलिस पूंछताछ के लिए परिजनों को कोतवाली ले गयी होगी , उसे उत्पीडन करने का औचित्य प्रतीत नहीं हो रहा है।

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