गोंडा। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद नई दिल्ली के तत्वाधान में दो दिवसीय कार्यशाला क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान अजमेर, राजस्थान में सम्पन्न हुई। क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान के प्राचार्य एसवी शर्मा ने कहा कि विद्यालयों व शिक्षको का केन्द्र बिन्दु शिक्षार्थी को बनाया जाना चाहिए।
चहुमुखी विकास के लिए खिलौना शिक्षा शास्त्र का महत्वपूर्ण स्थान है। प्रो शर्मा क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान में शिक्षा के आधारभूत और प्रारंभिक चरणों के लिए खेल.खिलौना व स्वास्थ्य पर आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन के समापन अवसर पर बुधवार को आयोजित कार्यक्रम में संबोधित किया उन्होंने 2020 की नई शिक्षा नीति का हवाला देते हुए उपरोक्त बात कही उनका कहना था कि खेल खिलौना शिक्षाशास्त्र के माध्यम से मानसिक व शारीरिक विकास को गति मिलती है।
जो सर्व उपयोगी होने के साथ श्रेष्ठ भी है इस अवसर पर क्षेत्रीय समन्वयक डॉ आनंद कुमार आर्य ने बताया कि सम्मेलन में खिलौना आधारित शिक्षा शास्त्र को पाठ्यक्रम में लागू करने हेतु विभिन्न अनुशंसाएं की गई है जो एनसीईआरटी को प्रेषित की जाएंगी। सम्मेलन की राष्ट्रीय संयोजिका प्रोफेसर संध्या संगई विभागाध्यक्ष प्रारंभिक शिक्षा विभाग एनसीईआरटी ने बताया कि खेल खिलौने से शिक्षा प्रक्रिया को रोचक व सहज बनाया जा सकता है एनसीईआरटी की रोमिला सोनी ने बताया कि खिलौना बहुतायत है।
जिसका विद्यार्थियों को उपयोग करना चाहिए कार्यक्रम में संस्थान के अधिष्ठाता राजेश मिश्रा ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया । इस अवसर पर उत्तर प्रदेश से छह सदस्यीय टीम में डॉ प्रसून कुमार सिंह प्रवक्ता शोध एससीईआरटी, विकास कुमार कुशवाहा प्रवक्ता कला डायट वाराणसी, राखाराम गुप्ता सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय बकौली पुरवा बेलसर गोण्डा, उदय करन राजपूत सहायक अध्यापक उच्च प्राथमिक विद्यालय मजीठ जालौन, डॉ ओम प्रकाश गुप्त सहायक अध्यापक कम्पोजिट विद्यालय बड़ेरी जौनपुर और डॉ खुर्शीद अहमद सहायक अध्यापक कम्पोजिट विद्यालय हस्तिनापुर झांसी उपस्थित रहकर कार्यशाला के प्रत्येक चरणों में नेतृत्व किया।