गोंडा । देवीपाटन मंडल की उपश्रमायुक्त रचना केसरवानी का बेेलगाम अंदाज चार दिन पहले वायरल वीडीओ उन भर भारी पड गया जब शासन ने उसे संज्ञान में लेकर मुख्यालय से दो सदस्यीय टीम जाचं के लिए गोंडा भेज दी , टीम ने कल अपनी रिपोर्ट प्रदेश के श्रमायुक्त को सौंप दी तो उपश्रमायुक्त 15 दिन के मेडिकल पर चलीं गई। लिहाजा बुधवार को श्रम मंत्री की समीक्षा बैठक में उपश्रमायुक्त देवीपाटन मंडल नदारद रही। देवीपाटन मुख्यालय उपश्रमायुक्त शमीम अख्तर की तैनाती रही तो कार्यालय नियमित रहा लेकिन रचना केसरवानी ने पद ग्रहण करते ही मनमानी शुरू कर दी, आये दिल लखनउ से डयूटी करने की आदी हो गयी।
सैकडों श्रमिकों को नहीं मिल पाया शादी अनुदान, अक्सर आफिस नहीं आती थी
इसके साथ संवेदनशीलता न होने से गरीब मजदूरों के लिए चलायी गई कल्याणकारी योजना के आवेदन धूल चाटते रहे। कारण हर फाइल में हिसाब मांगा जाने लगा। सामूहिक विवाह व अन्य योजनाएं धरातल पर नहीं दिख पायीं।बीते दिनों उपश्रमायुक्त रचना केसरवानी लखनउ जाते समय गाडी से नीचे उतर गयी, हालत खराब देख 100 डायल की महिला सिपाही ने ब मुश्किल उन्हें गाडी में बिठा पाया, कारण वह समझ से बाहर दिख रहीं थी। यह वीडीओ वायरल हो गया तो शासन ने संज्ञान में लेते हुए लखनउ मुख्यालय से दो सदस्यीय टीम जांच के लिए गोंडा भेजी।
15 दिन की मेडिकल पर गई रचना केसरवानी
टीम में एडीशनल कमिशनर अंजूलता व उपायुक्त श्रम मुख्यालय राजेश मिश्र ने गोंडा में आकर जांच पडताल की और अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी। बुधवार को श्रममंत्री अनिल राजभर ने प्रदेश स्तरीय समीक्षा बैठक बुलायी तो लखनउ की बैठक में रचना केसरवानी नहीं पहुंची, अलबत्ता विभाग में उनके 15 दिन के मेडिकल पर जाने की सूचना पहुंच गयी। चर्चा है कि उपश्रमायुक्त केसरवानी आरामतलब अधिकारी रहीं , मजदूरों के कल्याण के प्रति कभी गंभीर नहीं रही।
नतीजा मार्च के पहले के आवेदन कार्यालय में धूल चाट रहे हैं। अब नशे में धुत वायरल वीडीओ ने जांच के बाद उनका पूरा नशा उतार दिया। चचा्र्र है कि पहले भी नशे में वह चोट खा गयी थी तो भी कार्यालय का कार्य प्रभावित रहा। मंडलायुक्त एमपी अग्रवाल का कहना है कि शासन स्तर से कारवाई की जानी है, जांच पूरी हो चुकी है, आज शाम या कल तक विभागीय कार्रवाई तय मानी जा रही है।