बालपुर,गोंडा। ग्राम परसागोंडरी में ग्रामीणों को पीने का शुद्ध पानी मुहैया कराने को लेकर करीब चार करोड़ की लागत से बनाई गई पानी की टंकी घपले घोटाले का शिकार होकर रह गई है। स्वच्छ शुद्ध पानी पीने का ग्रामीणों का सपना कभी न पूरा होने वाला सपना बनकर रह गया है। यहां पानी आपूर्ति को लेकर विछाई गई पाइप लाइन घटिया गुणवत्ता की होने के चलते जगह जगह फटकर ध्वस्त हो चुकी है। पानी की टंकी के ओवरहेड टैंक में जगह जगह लीकेज होने से खस्ताहाल होकर रह गई है।
हलधरमऊ विकास क्षेत्र की ग्रामपंचायत परसागोंडरी गोंडा लखनऊ हाईवे के किनारे स्थित है।यहां के करीब 11 हजार ग्रामीणों को स्वच्छ व शुद्ध पानी मुहैया कराने को लेकर जलनिगम विभाग की ओर से करीब चार करोड़ की लागत से पानी की टंकी बनाने का प्रयास किया। इसके निर्माण में प्रयोग की गई घटिया निर्माण सामग्री के चलते यह पानी टंकी घपले घोटाले का शिकार होकर रह गई है। जल निगम विभाग के इंजीनियर की लापरवाही का खामियाजा यहां की भोलेभाले हजारों ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि 2012-13 में निर्मल नीर योजना के तहत के तहत यहां पानी की टंकी निर्माण कराया जाना शुरू हुआ।जलनिगम के इंजीनियर व ठेकेदार की मिलीभगत से पानी सप्लाई करने वाला पाइप मानक विहीन घटिया गुणवत्ता का डालकर सरकारी धन का बंदरबांट कर लिया गया। पानी की टंकी के ओवरहेड टैंक निर्माण में भी घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग किये जाने से वह पानी आपूर्ति के लिये चलाने पर जगह लीकेज करती रहती है। इससे पिछले 10 सालों से 11 हजार ग्रामीण शुद्ध पानी के लिए तरस रहे और दूषित पानी पीने के लिए मजबूर कर दिये गये है।
ग्रामीणों का कहना है कि गांव का पानी बेहद खराब है उसको पीकर ग्रामीण आयेदिन विभिन्न प्रकार की बीमारियों का शिकार हो रहे है। गांव के लोगों ने पानी आपूर्ति शुरू करने के लिए जिले के अधिकारियों से अनेक बार फरियाद किया लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। परसा डीहा, गुरुपुरवा, रोसीपुरवा, शिवशंकरपुरवा, प्रतापबलीपुरवा, हुलासपुरवा, खम्भापुरवा, पहुवा,दर्शनतिवारीपुरवा, बटपुरवा, छोटीपुरवा, दानवपुरवा,पुरईपुरवा समेत करीब डेढ़ दर्जन गांवों के ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल की दरकार है।
ग्रामपंचायत सचिव हिम्मत मौर्या ने बताया पानी की टंकी के बारे में जलनिगम के इंजीनियर जिम्मेदार है।इसके बारे में वह ज्यादा कुछ नहीं बता सकते है। ग्राम प्रधान वेद प्रकाश ओझा ने बताया कि करीब छह महीने पहले जल निगम विभाग में ध्वस्त पड़ी पानी आपूर्ति फिर से शुरू कराने के लिए शिकायत किया। वहां से बताया गया कि इसका प्राक्कलन मरम्मत कराने के लिए भेजा गया है। बजट मिलने पर इसको दुरुस्त कराया जायेगा।