गुड न्‍यूज: गोरखपुर में होगा कोरोना वैक्सीन का ट्रॉयल, स्वदेशी तकनीक से विकसित हुआ है वायरस का स्टेन

गोरखपुर । कोरोना वैक्सीन ट्रायल को लेकर आ रही खबरें गोरखपुर से भी जुड़ीं हैं। वजह, वैक्सीन ट्रायल से जुड़े देश के 11 शहरों में गोरखपुर भी शामिल है। आईसीएमआर की निगरानी में होने वाले इस ट्रायल में कुछ प्राइवेट अस्पतालों के चिकित्सक शामिल हैं। बताया जा रहा है कि गोरखपुर के प्राइवेट अस्पताल के दो डॉक्टरों ने इसमें रुचि दिखाई। सात जुलाई से ट्रॉयल का पहला चरण शुरू होगा।


भारत बायोटेक द्वारा तैयार वैक्सीन के ट्रायल के लिए देश में 11 शहरों को चुना गया है। गोरखपुर के दो चिकित्सकों ने भी भारत बायोटेक, रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (आरएमआरसी) और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) को पत्र लिखा था। भारत बायोटेक ने इसकी मंजूरी दे दी है। तीन से चार दिन में वैक्सीन गोरखपुर पहुंचेगी। फिजीशियन डॉ. अजीत प्रताप सिंह व स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. सोना घोष इसका ट्रॉयल आईसीएमआर व आरएमआरसी की निगरानी में करेंगे।


टीम में इन स्थान के चिकित्सकों को मिला स्थान
भारत बायोटेक ने ट्रॉयल के लिए डॉक्टरों की टीम का चयन कर लिया है। इसमें दिल्ली, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, तमिलनाडु, बिहार, तेलंगाना, ओडिसा, गोवा के अलावा सूबे में कानपुर व गोरखपुर के डॉक्टर भी शामिल हैं। इस टीम में गोरखपुर के फिजीशियन डॉ. अजीत प्रताप सिंह व स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. सोना घोष शामिल हैं। दोनों महानगर के निजी अस्पताल राणा हास्पिताल में तैनात है।


स्वदेशी तकनीक से विकसित हुआ है वायरस का स्टेन
इस वैक्सीन के लिए वायरस के स्टेन को स्वदेशी तकनीक से विकसित किया गया है। यह करने में आईसीएमआर (इं‌डियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) ने सफलता हासिल की है। यह वायरस शरीर के अंदर कोरोना से लड़ने के लिए एंटीबॉडी विकसित करेगा। आईसीएमआर इस क्षमता को विकसित करने वाला विश्व के चुनिंदा पांच संस्थानों में से एक है। आईसीएमआर ने भारत बायोटेक के सहयोग से कोरोना की वैक्सीन बनायी है। शासन की तरफ से वैक्सीन के ट्रॉयल की मंजूरी मिल गई है।


15 अगस्त तक लांच की है तैयारी 
आईसीएमआर के निदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने ट्रॉयल के लिए चयनित डॉक्टरों को भी पत्र लिखा है। ट्रॉयल में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। निर्देशित किया है कि 15 अगस्त तक ट्रॉयल पूरा कर नतीजे आईसीएमआर को भेजे जांय। बेहतर रिपोर्ट मिलने के बाद 15 अगस्त को इस वैक्सीन को लांच करने की तैयारी भी चल रही है।


फ़ास्ट ट्रैक विधि से होगा पूरा
वैक्सीन के मानव परीक्षण प्रक्रिया को फास्ट ट्रैक विधि से पूरा करने के लिए कहा गया है। यह विधि बेहद सरल है और नतीजे सटीक मिलते हैं। लोगों को कोई खतरा नहीं है। ऐसे में इसी ट्रॉयल रिपोर्ट के आधार पर इसे 15 अगस्त तक लांच करने की तैयारी हो रही है।


बोले प्रधान शोधकर्ता
प्रधान शोधकर्ता डॉ. अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि आईसीएमआर से पत्र प्राप्त हुआ है। इस ट्रॉयल के लिए सैम्पल की संख्या का निर्धारण आईसीएमआर करेगा। सेहतमंद व्यक्तियों पर ट्रायल होगा। ट्रॉयल में शामिल लोगों के सेहत की निगरानी की जाएगी।आरएमआरसी के निदेशक ने कहा आरएमआरसी के निदेशक और आईसीएमआर के मीडिया सेल इंचार्ज डॉ. रजनीकांत के मुताबिक आईसीएमआर ने वायरस के स्ट्रेन को तैयार कर वैक्सीन बनाने के लिए भारत बायोटेक को दिया है। वैक्सीन ट्रॉयल के लिए डॉक्टरों का चयन भारत बायोटेक ने किया है। गोरखपुर के निजी अस्पताल के डॉक्टर भी ट्रॉयल में शामिल हैं। इस ट्रॉयल की निगरानी आईसीएमआर करेगा। फिर ट्रॉयल के नतीजों की समीक्षा होगी।

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