गोरखपुर : खाकी पर लगे पशु तस्करी के आरोप, थानेदार व सिपाही हुए आमने सामने

– अब कई पुलिस कर्मियों पर गिर सकती है गाज !
– एसएसपी ने सीओ से मांगी रिपोर्ट
गोपाल त्रिपाठी 
गोरखपुर। गोला थाने पर तैनात सिपाही ने गोला थानेदार पर जिस प्रकार सुबिधा शुल्क लेकर पशु तस्करों से सांठ गांठ कर पशु तस्करी कराये जाने का आरोप लगाया है इससे तो साफ है प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तमाम आदेश व निर्देश को ठेंगा दिखाते हुए जिले की पुलिस सीएम के गृह जनपद में पशु तस्करी धड़ल्ले से करा रही है। सीएम ने पुलिस अफसरों को निर्देश भी दिया है कि पशु तस्करी में लिप्त पुलिस कर्मियों के खिलाफ सख्त कारवाई की जाय। पशु तस्करी के आरोप में घिरे थानेदार व उनके नजदीकी सिपाहियों के भी खिलाफ कार्रवाई हो सकती है ?
बताते चलें कि गोला के थानेदार को उनके थाने के एक सिपाही ने गोरखनाथ मेला ड्यूटी के बहाने पशु तस्करों से मिलीभगत के आरोप लगाकर थानेदार को कटघरे में खड़ा कर दिया था ।
सिपाही ने थानेदार पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि पशु तस्करों से वसूली कराने के लिए मेला ड्यूटी में लगे सिपाही की जगह थानेदार ने उसकी ड्यूटी लगवा दी थी । हालांकि एसएसपी डॉक्टर सुनील गुप्ता मामला वायरल होने के बाद  ड्यूटी न करने वाले सिपाही को अनुशासन हीनता मानते हुए लाइन का रास्ता दिखा दिया,और इस पूरे मामले की जांच सीओ गोला को सौंपकर इसकी रिपोर्ट मांगी है। सूत्र बताते हैं कि पशु तस्करी कराये जाने का जिस तरह थानेदार पर गंभीर आरोप लगा है यह तो तय है कि एस्एसपी डॉक्टर सुनील गुप्ता द्वारा कराए जा रहे जाँच के घेरे में थानेदार समेत कई अन्य और भी आ सकते है। सूत्र बताते हैं कि एसएसपी ने इसके अलावे अन्य थानों की जाँच कराये जाने का आदेश दिया है जिनके थाना क्षेत्रों में पशु तस्करी कराये जाने की शिकायतें मिल रही थी।
— क्या था मामला
गोला थाने में तैनात सिपाही राम नयन भारती की गोरखनाथ मंदिर मेला में ड्यूटी लगी थी । सिपाही का आरोप था कि थाने के सिपाही संतोष कुमार यादव की मेला में पहले से ही ड्यूटी लगी थी लेकिन  थानेदार का खास होने व पशु तस्करों से पैसा वसूली के कारण संतोष के स्थान पर उसकी ड्यूटी लगा दी गई थी और इस मामले में सिपाही राम नयन भारती को एसएसपी ने प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए लाइन हाजिर कर दिया।

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