गोरखपुर: कम व्यय प्रतिशत पर डीएम ने जताई नाराजगी

गोपाल त्रिपाठी 
गोरखपुर। जिलाधिकारी के.विजयेन्द्र पाण्डियन ने जननी सुरक्षा योजना एंव अन्टाइड फंड में व्यय प्रतिशत कम पाये जाने पर नाराजगी प्रकट की। उन्होंने व्यय प्रतिशत बढाने का निर्देश देते हुए कहाकि अब वित्तीय वर्ष समाप्ति के कुछ माह ही अवशेष है। उन्होंने कहा कि जे.एस.वाई. के तहत लाभार्थी का भुगतान शीघ्र कर दिया जाये अन्यथा संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।
बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला स्वास्थ समिति के शासी निकाय की बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीएम ने सीएमओ को निर्देश दिया कि सभी सीएचसी/पीएचसी पर डाक्टर की तैनाती प्रापर होनी चाहिए। सीएमओ प्रत्येक सीएचसी/पीएचसी पर तैनात चिकित्सकों एवं उनके परफारमेंस आदि की सूचना शीघ्र उपलब्ध करायें। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि कायाकल्प योजना के तहत अस्पतालों में वाउंड्रीवाल, सम्पर्क मार्ग, प्रकाश की बेहतर व्यवस्था कराई जाए। यदि कही कोई कमी हो तो उसे दूर करने हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत करें ताकि धनराशि की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जा सके।
जिलाधिकारी ने रोगी कल्याण समिति की बैठक नियमानुसार नियमित रूप से कराने तथा उसमें जन प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित करने के निर्देश सीएमओ को देते हुए कहा कि कुष्ठ आश्रम में नियमित चिकित्सक की व्यवस्था की जाए।  उन्होंने अस्पतालों में दलालों के प्रवेश प्रतिबंधित करने तथा पकडे जाने पर उनके विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि मरीजों को बाहर की दवाएं न लिखी जाए, अस्पताल की साफ सफाई तथा सभी अस्पतालों में दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता एंव चिकित्सकों की उपस्थिति नियमित रूप से होनी चाहिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि मिजिल्स रूबेला अभियान सरकार का महत्वपूर्ण अभियान है इसका बच्चों के स्वास्थ पर कोई दुष्प्रभाव नही होता है।
निर्धारित लक्ष्य शत प्रतिशत पूर्ण किये जायें। उन्होंने कहा कि इस अभियान में सुपरवीजन काफी महत्वपूर्ण होता है इसलिए इसका विधिवत सुपरवीजन किया जाये ताकि कोई भी पात्र बच्चा टीकाकरण से वंचित न रहने पाये। बैठक का संचालन मुख्य चिकित्साधिकारी श्रीकांत तिवारी ने किया। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा सीएचसी/पीएचसी प्रभारी उपस्थित रहे।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें