गोपाल त्रिपाठी
गोरखपुर। डीडीयू की वार्षिक परीक्षा में परीक्षा केन्द्र बनने के लिए 160 से अधिक कॉलेजों ने आवेदन किए हैं। खास बात यह है कि उड़ाका दल का विरोध करने वाले कुछ कॉलेज भी आवेदकों में शामिल हैं। आवेदनों की संख्या पिछली साल की अपेक्षा अभी कम है, इसलिए माना जा रहा है कि डीडीयू इच्छुक कॉलेजों को एक और मौका दे सकता है। इस बीच यह स्पष्ट हो गया है कि इस साल डीडीयू की परीक्षाएं शासन द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार ही कराई जाएंगी।
डीडीयू की परीक्षाएं 19 फरवरी से प्रस्तावित हैं। पिछले साल डीडीयू ने 270 परीक्षा केन्द्र बनाए थे। तीन जिलों में उड़ाका दल की अलग-अगल टीमें लगाई गई थी। बावजूद इसके देवरिया के दो कॉलेजों में एसटीएफ ने छापेमारी की सामूहिक नकल पकड़ी थी। इस बार परीक्षा केन्द्रों की संख्या पिछले साल की अपेक्षा कम होगी क्यों कि कई स्ववित्तपोषित कॉलेजों में छात्र संख्या घटी है। परीक्षा नियंत्रक कार्यालय के अनुसार 5 जनवरी आवेदन देने की अंतिम तिथि थी। डीडीयू प्रशासन ने बीस जनवरी तक परीक्षा केन्द्र फाइनल कर देने का लक्ष्य तय किया है। पर्याप्त आवेदन मिल जने के बाद अलग-अलग टीमें गठित कर कॉलेजों के दावों का परीक्षण किया जाएगा। मानकों पर खरा उतरने वाले कॉलेजों को ही परीक्षा केन्द्र बनाया जाएगा।
छात्राओं के केन्द्र पर 50 फीसदी बाहरी स्टाफ करेंगे ड्यूटी
शासन की गाइडलाइन के अनुसार छात्राओं के कॉलेजों पर स्वकेन्द्रीय परीक्षा होगी। यहां परीक्षा परीक्षा के लिए 50 फीसदी स्टाफ बाहरी नियुक्त किए जाएंगे। केन्द्र व्यवस्थापक भी बाहरी होंगे। कॉलेज के केवल 50 फीसदी स्टाफ ही परीक्षा में ड्यूटी कर पाएंगे। इसके अलावा पिछली परीक्षा में किसी प्रकार से शुचिता भंग करने वाले किसी कॉलेज को परीक्षा केन्द्र नहीं बनाने का निर्देश शासन ने दिया है। जहां परीक्षा के दौरान अधिकारियों से अभद्र व्यवहार या बवाल हुआ हो, और उन पर एफआईआर दर्ज कराई गई हो, ऐसे कॉलेज भी परीक्षा केन्द्र नहीं बनेंगे।
गाइडलाइन में तय है उड़ाका दल की व्यवस्था
शासन ने जो गाइडलाइन जारी की है, उसमें उड़ाका दल के गठन की व्यवस्था भी तय कर दी गई है। ऐसे में स्ववित्तपोषित कॉलेजों द्वारा उस पर उठाए जा रहे सवालों का खारिज होना तय माना जा रहा है। उड़ाका दल में अनिवार्य रूप से महिलाओं की नियुक्ति व छात्राओं की तलाशी उन्हीं द्वारा लिए जाने का जिक्र है। परीक्षा कक्ष में कक्ष निरीक्षकों की फोटो लगी डिटेल भी चस्पा करने के निर्देश दिए गए हैं। एडेड व राजकीय कॉलेजों के शिक्षक किसी हाल में परीक्षा ड्यूटी से इनकार नहीं कर सकते। यदि करते हैं तो अनुपस्थित मानकर उनका वेतन काट लिया जाएगा।
डीडीयू के 40 कमरों में लग रहे डबल कैमरे और वायस रिकार्डर
डीडीयू प्रयासन को इस परीक्षा डबल कैमरे व वायस रिकार्डर लगाने पर करीब 3 लाख रुपये खर्च करने पड़े रहे हैं। शासन के निर्देशानुसार परीक्षा के लिए करीब 40 कमरों में डबल कैमरे व वायस रिकार्डर लगाए जा रहे हैं। इनकी निगरानी के लिए एलईडी स्क्रीन भी अलग से लगाई जा रही है। पहले जिन कमरों में केवल एक कैमरा लगा था, उनमें भी डबल कैमरे लगाए जा रहे हैं। वायस रिकार्डर यहां पहले से लगे हुए थे। जिन कॉलेजों को परीक्षा केन्द्र बनाया जाएगा, वहां भी अनिवार्य रूप से डबल सीसी कैमरे व वायस रिकार्डर लगे होने चाहिए।