गोपाल त्रिपाठी
गोरखपुर। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने बलदेव प्लाजा की जमीन कूटरचित दस्तावेज की मदद से रजिस्ट्री कराने के आरोप में भाजपा सांसद कमलेश पासवान, व्यापारी सतीश नांगलिया समेत पांच के खिलाफ जालसाजी का केस दर्ज करने का आदेश कैंट पुलिस को दिया है।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट यासमिन अकबर ने कैंट इंस्पेक्टर को केस दर्ज कर न्यायालय में एफआईआर की प्रति उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। गोलघर प्रताप मार्केट निवासी नरेंद्र प्रताप सिंह ने कोर्ट में कहाकि मौजा हाजा में अराजी नंबर 27 व 37 की जमीन मेरी है। इस पर कई सालों से सफेदपोश कब्जा किए हैं। उन्होंने जमीन पर बलदेव प्लाजा का निर्माण भी करा लिया।
नई दिल्ली निवासी योगेश्वर प्रसाद की पत्नी सुधा प्रसाद व उनके बेटे कौस्तुभ प्रसाद तथा कंदर्प प्रसाद ने फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेज के सहारे जमीन अपने नाम कराने की कोशिश भी की।
नरेंद्र की ओर से अधिवक्ता कृष्णानंद तिवारी ने कोर्ट के समक्ष कहा कि 21 अप्रैल 1999 को तत्कालीन एसडीएम सदर मुकेश कुमार द्वारा जांच में भी भूखंड का स्वामी नरेंद्र के पिता स्व. फुद्दी सिंह को पाया। इसके बावजूद तीनों लोगों ने स्वयं को मालिक दर्शाते हुए उसे बेचने की कोशिश की।
कृष्णा डेवलपर्स फर्म के पार्टनर सतीश नांगलिया और उनके दूसरे पार्टनर कमलेश पासवान द्वारा कूटरचित और फर्जी दस्तावेज के सहारे जमीन की रजिस्ट्री करा ली गई।
न्यायाधीश ने कमलेश पासवान, सतीश नांगलिया, सुधा, कौस्तुभ, कंदर्प, के खिलाफ जालजाजी का केस दर्ज कर विवेचना का आदेश दिया।
हाईकोर्ट में चुनौती देंगेः सांसद
सांसद कमलेश पासवान ने कहा कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। मामला 2015 का है। नरेंद्र प्रताप सिंह ने जमीन पर दावा है। अब नरेंद्र के खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी करेंगे। वह मामले को बिना वजह तूल दे रहे हैं।