वन व पुलिस की मिली भगत से चल रहा कारोबार
गोपाल त्रिपाठी
गोरखपुर।
गोरखपुर जोन में पड़ने वाले संत कबीर नगर जिले के बखिरा झील में इन दिनों (साइबेरियन) विदेशी पक्षियों का शिकार जोरों पर चल रहा है, कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि इन दिनों यह स्थान पक्षियों के शिकार का प्रमुख केंद्र बन गया है ।
इन पक्षियों का (मीट) गोश्त मुंहमांगी कीमत पर चोरी छिपे बेचा जा रहा है, लेकिन पुलिस और बन बिभाग इस शिकार पर अंकुश लगाने में अक्षम साबित हो रहा है। प्रतिवर्ष अक्टूबर माह से फरवरी महीने तक लगातार साइबेरियन पक्षियों हेरियन, पटिपरा, कैमा, लालसर, मउरार, पोंचाई, रेडक्रेस्टड, सुरखाव, ईगल, मार्स, स्पेटड समेत अन्य प्रजाति के पक्षियों का आगमन होता है। झील का विस्तार काफी दूरी में होने तथा नरकट जे घने जंगलों को इन्होंने अपना ठिकाना बना लिया है। क्योंकि इन इस झीलों के बीचो-बीच नरकट के जंगल है इसलिए इन पक्षियों ने अपना ठिकाना बना रखा है। जिससे झील के किनारों गांव वाले मछली मारने के बहाने अपना शिकार करते हैं और मुंह मांगी कीमत पर उनका मांस चोरी छुपे भेजते हैं।
मछुआ समुदाय द्वारा शिकार कर इनका मांस बेच रहा है उन्होंने इसे मुख्य व्यवसाय बना रखा है। पक्षियों का मांस 400 से लेकर 1 हजार रूपये प्रति किलो बेचा जा रहा है, ये शिकारी जान पहचान वाले लोगों को ही मांस बेचते हैं, अनजान या अपरिचित व्यक्ति को ये शिकारी मांस नही बेचते हैं। मछली मारने के बहाने ये शिकारी शिकार करने झील में जाते हैं और तेज चमक वाली टार्च ले जाते हैं और इन पक्षियों को पकड़ लेते हैं। इसके अलावा शाम शौच करने के बहाने शिकारी अनाज में दवा मिलाकर और जाल बिछाकर इन पक्षियों का शिकार कर रहे हैं ।
गौरतलब है कि संतकबीर नगर जनपद मुख्यालय से 20 मीटर की दूरी पर उत्तरांचल में स्थित यह झील 28. 94 वर्ग किलोमीटर की एरिया में संत कबीर नगर गोरखपुर जनपदों की सीमाई इलाके तक फैली है । इस झील की निगरानी के लिए झील के किनारे बखिरा के निकट एक रेंज कार्यालय स्थापित किया गया है। जिसमें लगभग एक दर्जन कर्मचारी हैं और झील की रखवाली की जिम्मेदारी भी इन्हीं के पास है। बखिरा थाना क्षेत्र की पुलिस भी रखवाली करती है, वहीं कुछ पुलिसकर्मी शिकारियों से मिले है। शासन की ओर से बखिरा झील को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की पहल काफी पहले से ही की जा रही है लेकिन यह पहल अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। पुलिस विभाग और वन विभाग से मिलीभगत होती है इन दिनों बखिरा झील में साइबेरियन पक्षियों का शिकार अपने चरम पर है लेकिन वन व पुलिस विभाग इस पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रहा है।