दैनिक भास्कर ब्यूरो
गोरखपुर। झंगहा थाना क्षेत्र के एक युवक ने अपने अपहरण की खुद ही साजिश रची और अपने परिजनों से फिरौती की रकम मांगने लगा। इसके बाद परिजनों को फोन कर अपहरण की झूठी कहानी बता दी। युवक के परिजनों ने बेटे के अपहरण की जानकारी पुलिस को दी तो पुलिस ने गंभीरता से जांच शुरू की और पूरा मामला बाहर आ गया। झंगहा थाना क्षेत्र निवासी मनीष मद्धेशिया 29 जनवरी को लापता हो गया था। उसे गुरुवार को पुलिस ने खोज निकाला। पुलिस के अनुसार मनीष ने खुद ही अपहरण की कहानी रची और परिजनों से फिरौती की रकम मांगने लगा।
परिजनों को डराकर वसूल रहा था पैसे
पुलिस के मुताबिक मनीष जंगल गौरी नंबर दो उर्फ अमहिया, थाना झंगहा का निवासी अपने गांव में ही मद्धेशिया टेंट हाउस के नाम से व्यवसाय करता है। 29 जनवरी को मनीष घरवालों को बिना कुछ बताए कहीं चला गया। पूरी रात घर वापस नहीं लौटने पर परिजनों ने थाने में गुमशुदगी की तहरीर दी। 30 जनवरी की शाम को मनीष के मोबाइल से उसकी मां को फोन आया। फोन पर मनीष ही था और उसने अपनी मां को बताया कि उसे पांच लोगों ने पकड़ लिया है और उससे 3.10 लाख की फिरौती मांग रहे हैं। मनीष ने अपनी लोकेशन बिहार बताई। वह परिजनों पर दबाव डालने लगा कि जल्दी से उसके खाते में पैसे भेज दो नहीं तो ये लोग उसे मार देंगे।
सीसीटीवी व सर्विलांस से खुली पोल
इस पर परिवार के लोगों ने थाने पर जाकर अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया। एक फरवरी को मनीष का फिर फोन आया और उसने बताया कि अगर पैसा नहीं भेजे तो उसकी हत्या हो जाएगी । मनीष के परिजनों ने उसके खाते में एक बार पांच हजार और दूसरी बार 10 हजार डाल दिए। इसके बाद मनीष ने तीन फरवरी को अपने मां को फोन कर बताया कि उसे लोग पकड़कर राजस्थान ले गए हैं, यदि और पैसा नहीं मिला तो ये लोग उसे मार देंगे। मनीष बार-बार अपने माता-पिता पर पैसा भेजने का दबाव बना रहा था।
इस मामले का पर्दाफाश करते हुए पुलिस अधीक्षक उत्तरी मनोज अवस्थी ने बताया कि सर्विलांस और सीसीटीवी फुटेज की जांच में सामने आया कि मनीष मोतीराम अड्डा से गोरखपुर होते हुए ट्रेन से शाहजहांपुर वहां से हरिद्वार, देहरादून, ऋषिकेश गया। इसके बाद वी पुनः शाहजहांपुर होते हुए अजमेर घूमने चला गया। सीसीटीवी फुटेज में वह अकेले ही हरिद्वार में घूम रहा था, उसके साथ अन्य कोई व्यक्ति नहीं था जिससे स्पष्ट हो गया कि उसका अपहरण नहीं हुआ है। वह अपने अपहरण की फर्जी सूचना देकर अपने परिवार को डरा-धमका कर पैसे वसूलना चाहता था।
इस तरह यह स्पष्ट हो गया कि मनीष ने स्वयं ही अपहरण की साजिश रची और पूरी घटना के लिए वह खुद ही जिम्मेदार है। झंगहा थानाध्यक्ष गौरव राय कनौजिया व उप निरीक्षक अजय कुमार वर्मा, प्रेमनाथ तथा कांस्टेबल विकास कुमार, मोहम्मद सलमान ने मनीष को गुरुवार को 11 बजे अमहिया नेहरू तिराहे के पास से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की पूछताछ में मनीष ने बताया कि क्षेत्र के ही कुछ लोगों से उसने ब्याज पर पैसे ले रखा है, इसी कारण उसने यह झूठी कहानी रची।