कृषि विभाग: घोटालों के आरोपी को देदी महत्वपूर्ण तैनाती

लखनऊ। बीज विकास निगम के महाप्रबंधक ने ऐसा कारनामा कर डाला, जिससे कृषि विभाग की सुचिता पर सवाल उठने लगे हैं। फैजाबाद के किसानों की शिकायत का संज्ञान लेते हुए उन्होंने फैजाबाद क्षेत्रीय कार्यालय के परियोजना अधिकारी के खिलाफ जांच कराई। जब दोष साबित हो गया तो उन्होंने आरोपी परियोजना अधिकारी को आरोपपत्र देते हुए नीलंबित भी कर दिया। दो महीने बाद फिर क्या सूझी उन्होंने उसी आरोपी परियोजना अधिकारी को फिर से उसी पद पर तैनाती दे दी। एमडी की इस कारगुजारी से किसानों में आक्रोश है।

घटना क्रम के मुताबिक फैजाबाद क्षेत्रीय कार्यालय में बतौर परियोजना अधिकारी तैनात रहे एसके सिंह पर किसानों ने धन उगाही का आरोप लगाया था। किसानों की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए बीज विकास निगम के प्रबंध निदेशक संतोष कुमार खरे ने आजमगढ़ के क्षेत्रीय कार्यालय के परियोजना अधिकारी वीके सिंह से मामले की जांच कराई। जांच में किसानों की शिकायत सही पाई गई और एमडी संतोष कुमार खरे ने 24 मार्च को आरोपी परियोजना अधिकारी एसके सिंह को आरोपपत्र देते हुए निलंबित कर दिया।

दो महीने बाद एमडी संतोष कुमार खरे ने आरोपी को पुन: उसी पद पर बहाल कर दिया। एमडी की इस हरकत पर एक तरफ जहां विभागीय मुलाजिमों में नाराजगी है वहीं क्षेत्रीय किसानों में आक्रोश भी है। अपना हक नहीं पाने की स्थिति में सुल्तानपुर के स्थानीय किसानों, रविंद्र प्रताप आर्य, बरसाती वर्मा, सचिन कुमार सिंह, दयाराम वर्मा, मनोज कुमार त्रिपाठी, अशफाक, तिलकधारी वर्मा आदि ने बीज विकास निगम में लिखित शिकायत की थी, जिसके बाद परियोजना अधिकारी पर कार्रवाई की गई थी।

डीजीआरआई योजना में किया गड़बड़ झाला

डीजीआरआई योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार की ओर से किसानों को प्रोत्साहन राशि देनी थी। इस योजना के अंतर्गत सुल्तानपुर जनपद का भी नाम है, जहां किसानों को बोनस के रूप में 18 लाख रुपए बटने थे। जानकारी के मुताबिक किसानों को बोनस देने के नाम पर किसानों से ऊपर से धन की उगाही की गई। कुछ खास किसानों को बोनस दे दिया गया और शेष को नहीं देने पर उन्हीं किसानों ने उच्चाधिकारियों से शिकायत कर दी। जब मामले की जांच की गई तो मामला सत्य पाया गया।

 

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